- पटना जिले में रहने वाले चाहते हैं विकास हो
मोकामा(पटना).आजादी के 70 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं कसहा दियारा ग्राम पंचायत केदियारावासी. सीएम के 7 निश्चय का ओर न शोर है.इसके कारण बेगूसराय और पटना के कोर पर रहने वाले दलित और पिछड़ी जाति के लोग बदहाल जिंदगी जीने को बाध्य हैं.दो जिलों के बीच में अंतर करने को कहने पर लोगों का कहना है कि बेगूसराय जिला इज बेस्ट. पटना को बेस्ट करवाने में पंचायत की मुखिया नहीं वरण पंचायत समिति की सदस्य शैल देवी लगी हैं. जी हां रहते हैं पटना जिले में और पढ़ने जाते हैं बेगूसराय जिले में . बेगूसराय में गुलजार है और पटना जिले में अंधकार है. बेगूसराय में घर-घर शौचालय बना है.पटना में गड्डा खोंदकर 6 रिंग डालकर छोड़ दिया है. 1साल के बाद भी शौचालय निर्माण नहीं हुआ है. आदमी और जानवरों को गड्डे में गिरने से बचने के लिये खर-पुआल से ढंक दिये है. मौकामा प्रखंड के अंचलाधिकारी महोदय को 15 सितम्बर 2016 को आवेदन दिया गया.पंचायत समिति और कसहा दियारा के लोग और शिवनगर के लोग सर्वसम्मति से निर्णय लिये कि स्कूल का सृजन हो और स्कूल भवन बने. स्कूल की जमीन नया कसहा में है.खाता न०191/खेसरा न०18/599 है.एक एकड़ विकास के नाम पर कर दिया गया है. मौजा कसहा दियारा तौजी नं.8084 खाता नं.191/ खेसरा नं.18/599 से 344 बीघा जमीन में से 17 बीघा 94 डिसमिल पर को दिया गया है 598 व्यक्तियों को मोजा तहत दिया गया है जिसका दखल कब्जा है उसी पर स्कूल का निर्माण करने की कृपा करें.पटना जिले वालों को बेगूसराय के स्कूलों नाम लिखवाना मुश्किल होता है. यहां की मंजू देवी, भोला निषाद,सुलेखा देवी आदि ने बीडीओ नीरज कुमार से आग्रह किया है कि विकास की गंगा बहाये.
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