धर्मशाला वनडे : श्रीलंका की एकतरफा जीत, भारत को 7 विकेट से दी शिकस्त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 10 दिसंबर 2017

धर्मशाला वनडे : श्रीलंका की एकतरफा जीत, भारत को 7 विकेट से दी शिकस्त

sri-lanka-beat-india-7-wickets
धर्मशाला, 10 दिसम्बर, श्रीलंका की क्रिकेट टीम ने यहां हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) स्टेडियम में खेले गए पहले वनडे मैच में रविवार को भारत को एकतरफा मुकाबले में सात विकेट से हरा दिया।  इसी के साथ उसने तीन वनडे मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है। श्रीलंका ने कप्तान थिसारा परेरा के नेतृत्व में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी और सभी की उम्मीदों से उलट एक-एक कर भारत के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को ताश के पत्तों की तरह गिरा दिया। मेजबान टीम 38.2 ओवर में 112 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। इस स्कोर में 65 रन अकेले महेंद्र सिंह धौनी के थे। इस आसान से लक्ष्य को श्रीलंका ने 20.4 ओवरों में तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया। मेहमान टीम के लिए उपुल थरंगा ने 49 रन बनाए। पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज 25 रन और निरोशन डिकवेला 26 रन बनाकर नाबाद लौटे। मेहमान टीम की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और जसप्रीत बुमराह ने दानुष्का गुणाथिलका को विकेट के पीछ धौनी के हाथों कैच कराया। लाहिरू थिरिमाने को भुवनेश्वर कुमार ने खाता भी नहीं खोलने दिया। अर्धशतक से एक रन दूर थरंगा को हार्दिक पांड्या ने शिखर धवन के हाथों कैच कराया। वह 65 के कुल स्कोर पर आउट हुए। यहां से मैथ्यूज और डिकवेला ने चौथे विकेट के लिए 49 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को जीत दिलाई।

इससे पहले, बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के बल्लेबाजों का शानदार विकेट पर पांव जमाना मुश्किल हो गया। एक के बाद एक विकेट गिरते चले गए और स्टेडियम में मौजूद प्रशंसक निराश होते गए। एक समय भारत के लिए 50 का आंकड़ा पार करना भी मुश्किल लग रहा था। उसने अपने सात विकेट 29 रनों के कुल स्कोर पर खो दिए थे, लेकिन संकटमोचक धौनी ने अहम समय पर 87 गेंदों में 10 चौके और दो छक्कों की मदद से 65 रनों की पारी खेलते हुए बेहद शर्मनाक स्थिति में जाने से किसी तरह बचा लिया। वनडे की एक पारी में सबसे कम स्कोर जिम्बाब्वे के नाम है। श्रीलंका ने ही उसे 24 अप्रैल 2004 में हरारे में 35 रनों पर समेट दिया था। भारत का न्यूनतम स्कोर भी श्रीलंका के खिलाफ है। श्रीलंका ने ही शारजाह में 29 अक्टूबर 2000 को भारत को 54 रनों पर ढेर कर दिया था। बल्लेबाजी करने उतरी भारत का पहले दो ओवरों में खाता भी नहीं खुला था कि दूसरे ओवर की आखिरी गेंद पर धवन, मैथ्यूज की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए। रनों का सूखा जारी था और पाचवें ओवर की पहली गेंद पर मेजबान टीम के नए कप्तान रोहित शर्मा दो रन बनाकर लकमल की गेंद पर विकेट के पीछे डिकवेला के हाथों कैच हो गए। भारत ने पहले पांच ओवर में दो रनों पर दो विकेट खो दिए थे। यह वनडे इतिहास में किसी भी टीम द्वारा पांच ओवर में दूसरा सबसे कम स्कोर है। इससे पहले इंग्लैंड ने द ओवल मैदान पर 2001 में पांच ओवरों में एक विकेट पर एक रन बनाया था।

10 ओवर तक आते-आते भारत ने अपने तीन विकेट खो दिए और स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 11 रन थे। यह भारत का 2001 के बाद पहले 10 ओवर में सबसे कम स्कोर है। भारत का विकेट गिरने का सिलसिला रुका नहीं और वह 16 रनों पर ही अपने पांच विकेट गंवा बैठी। यह वनडे इतिहास में पहली बार है जब किसी टीम ने 16 रनों पर पांच विकेट खो दिए हों। इससे पहले भी भारत ने 17 रनों पर पांच विकेट 1983 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ खोए थे। पदार्पण कर रहे श्रेयस अय्यर नौ रन और दिनेश कार्तिक शून्य तथा मनीष पांडे दो रन बनाकर पवेलियन लौट गए। उसके शीर्ष पांच बल्लेबाजों में से एक भी दहाई का आकंड़ा नहीं छू पाया था। यह भारत का कुल पांचवां मौका है जब उसके शीर्ष पांच बल्लेबाज दहाई के आंकड़े में भी नहीं पहुंच पाए। टेस्ट सीरीज में आराम फरमाने गए पांड्या (10) 28 के कुल स्कोर पर नुवान प्रदीप का शिकार हुए। एक रन बाद भुवनेश्वर कुमार (0) को लकमल ने पवेलियन भेजा। यहां लग रहा था कि भारतीय टीम जल्द ही ऑल आउट हो जाएगी, लेकिन धौनी ने आठवें विकेट के लिए कुलदीप यादव (19) के साथ 41, बुमराह के साथ नौवें विकेट के लिए 17 और युजवेंद्र चहल के साथ दसवें विकेट के लिए 25 रनों की साझेदारी करते हुए भारत को बेहद शर्मनाक स्थिति में जाने से बचा लिया और 100 के पार पहुंचाया। बुमराह और चहल खाता नहीं खोल पाए। चहल नाबाद लौटे। धौनी के रूप में भारत का आखिरी विकेट गिरा। श्रीलंका की तरफ से लकमल ने चार विकेट लिए। प्रदीप ने दो विकेट लिए जबकि मैथ्यूज, कप्तान थिसारा परेरा, अकिला धनंजय, सचिथा पाथिराना को एक-एक सफलता मिली।

कोई टिप्पणी नहीं: