यशवंत सिन्हा ने किसान आंदोलन वापस लिया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 7 दिसंबर 2017

यशवंत सिन्हा ने किसान आंदोलन वापस लिया

yashwant-sinha-rolback-farmer-fight
अकोला (महाराष्ट्र), 6 दिसंबर, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा किसानों की सात प्रमुख मांगें मान लिए जाने के बाद बुधवार को तीन दिन चला किसान आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की।  सिन्हा ने बुधवार देर शाम पत्रकारों से कहा, "मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने आज हमसे बातचीत की। हमारी बातचीत लाभकारी रही। उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि किसानों की सारी मांगें मान की जाएंगी। तदनुसार आंदोलन वापस ले लिया गया है।" 80 वर्षीय पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री ने हालांकि स्पष्ट किया कि इसे किसी की 'विजय या पराजय' के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह महाराष्ट्र और बाकी देश के संपूर्ण किसान समुदाय के हित में है। शेतकरी जागरण मोर्चा की मांगों में पिंक बॉलवर्म के हमले से किसानों को हुई क्षति की भरपाई, नकली बायोटेक बीज निर्माता व विक्रेता कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई, मूंग, उड़द पव सोयाबीन की फसलों में हुए नुकसान के लिए किसानों को पूरा मुआवजा, कृषि पंपों के लिए बिजली आपूर्ति बंद नहीं करने, किसानों के लिए प्रदेश सरकार की ओर सोने को बंधक रखने की स्कीम में छूट की अनुचित शर्तो को हटाने, नैफेड की ओर से घोषित सभी कृषि फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद और 15 जनवरी तक योग्य किसानों के कर्ज की माफी शामिल हैं। किसानों के तीन दिन के आंदोलन को सत्ताधारी भाजपा को छोड़कर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त था। बुजुर्ग नेता सिन्हा इससे पहले नोटबंदी और जीएसटी पर सवाल उठा चुके हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: