काबुल हमले में 95 लोगों की मौत, भारत ने की निंदा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 27 जनवरी 2018

काबुल हमले में 95 लोगों की मौत, भारत ने की निंदा

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काबुल/नयी दिल्ली 27 जनवरी, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आज आत्मघाती हमले में कम से कम 95 लोगों की मौत हो गयी और 163 अन्य घायल हो गये, स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी, एक आत्मघाती हमलावर ने एंबुलेंस में छुपाकर रखे गए बम में एक पुलिस नाके के नजदीक धमाका कर दिया। मई के बाद के इस सबसे भीषण हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है। महज एक सप्ताह पहले काबुल के ही इंटरकांटिनेंटल होटल पर हुए हमले में 20 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी भी तालिबान ने ही ली थी। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने इस हमले के लिए तालिबान से संबंधित एक हक्कानी नेटवर्क को दोषी ठहराया है। भारत ने इस बर्बर और कायरतापूर्ण हमले की निंदा की है तथा घायलों के उपचार अन्य सहायता की पेशकश की है। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया , “ हमले में मारे गये लोगों के परिवारों के प्रति हमारी गहन संवेदनायें। हम घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। इस जटिल घड़ी में हम अफगानी सरकार और वहां की जनता के साथ है। बयान में कहा गया , “ यह हमला निंदनीय है और इसे किसी भी सूरत में न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए।” राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने काबुल में हुए आतंकवादी हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया है। श्री कोविंद ने कहा, “ इस हमले की खबर से वह स्तब्ध रह गए हैं। आतंकवादी ताकतों के खिलाफ संघर्ष में भारत अफगानिस्तान की जनता और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।” 

उन्होंने हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवदेना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। यह हमला एक अति व्यस्त सड़क पर किया गया, जहां दिन में लंच के समय लोग बाहर घूूम रहे थे । विस्फोट इतना जोरदार था कि सैंकड़ों मीटर दूर इमारतों में कंपन महसूस किया गया और शवों के टुकड़े छितराकर सड़कों पर बिखर गए। सड़कों पर मलबे और क्षतिग्रस्त कारों का अम्बार लगा हुआ है। अफगानिस्तान में शानिवार को भी सरकारी दफ्तरों में कामकाज होता है। यूरोपीय संघ के देशों और भारतीय दूतावास कार्यालय भी घटनास्थल के निकट ही है।

चिकित्सा दल घायलों केे इलाज में जुटे हुए हैं और बहुत से घायलों को अस्पताल के बागीचों में खुले में लिटाया गया है। अफगानिस्तान में एक इतालवी सहायता समूह के समन्वयक देहान पेनिक ने कहा, 'यह नरसंहार है'। अफगानिस्तान के सांसद मीरवाइज यासिनी विस्फोट के समय घटनास्थल के समीप ही थे। उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस जांच चौकी के निकट पहुंची और उसमें विस्फोट हो गया। श्री यासिनी ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस विस्फोट का निशाना आंतरिक मंत्रालय की निकटवर्ती इमारत थी। हमले की इस घटना से अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी और उनके अमेरिकी सहयोगियों पर दबाव बढ़ेगा, जिन्हें भरोसा था कि आक्रामक सैन्य रणनीति प्रमुख प्रांतीय केंद्रों से तालिबान आतंकवादियों को खदेड़ने में सफल रही है। अमेरिका ने अफगान सुरक्षा बलों के लिए सहायता बढ़ा दी है और तालिबान तथा अन्य आतंकवादी गुटों के खिलाफ हवाई हमले तेज कर दिए हैं, ताकि गतिरोध समाप्त हो और आतंकवादी बातचीत के लिए बाध्य हो जाएं। हालांकि तालिबान ने इस बात से इंकार किया है कि नई रणनीति से वे कमजोर हुए हैं।

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