नयी दिल्ली 10 जनवरी, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार नंबर के दुरुपयोग और इससे जुड़े आंकड़ों के चोरी होने की आशंका के बीच सुरक्षा को मजबूत बनाते हुये वर्चुअल आईडी और केवाईसी के लिए आधार संख्या के उपयोग की संख्या को सीमित कर दिया है। यूआईडीएआई के अधिकारियों के अनुसार उपयोगकर्ता अपना वर्चुअल आईडी जेनरेट कर सकते हैं और यह आईडी अस्थायी होगा। इसका संबंधित व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आधार नंबर के स्थान पर उपयोग किया जा सकता है। नया वर्चुअल आईडी जेनरेट किये जाने पर पुराना वर्चुअल आई स्वत: समाप्त हो जायेगा। वर्चुअल आईडी 16 अंकों वाला होगा जबकि आधार नंबर 12 नंबर वाला है। वर्चुअल आईडी संबंधित व्यक्ति का आधार नंबर नहीं होगा। इसके साथ ही यूआईडीएआई ने केवाईसी के लिए आधार नंबर के उपयोग को भी सीमित कर दिया है और इसके लिए यूआईडी टोकन मिलेगा। वर्चुअल आईडी और यूआईडीएआई पोर्टल, पंजीयन केन्द्रों और आधार मोबाइल ऐप के जरिये जेनरेट किया जा सकता है। यूआईडीएआई ने आधार नंबर के जरिये पहचान सुनिश्चित करने वाली सभी एजेंसियों को वर्चुअल आईडी और यूआईडी टोकन के आधार पर अपने तंत्र को अद्यतन करने के लिए कहा है ताकि एक मार्च से नया तंत्र कार्यशील हो सके। सभी एजेंसियों को एक जून तक नये तंत्र को अपनना होगा।
गुरुवार, 11 जनवरी 2018
आधार नंबर की सुरक्षा के लिए वर्चुअल आईडी
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