पटना 16 जनवरी, चर्चित जननेता व एकीकृत बिहार और फिर झारखंड में भाकपा-माले के लंबे समय तक विधायक रहे काॅ. महेन्द्र सिंह की शहादत की 13 वीं बरसी पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. भाकपा-माले राज्य कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने अपने नेता को श्रद्धांजलि दी. विदित हो कि 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान 16 जनवरी को दुरगी धवईया में भाजपा व प्रशासन के संरक्षण में अपराधियों द्वारा कर दी गई थी. काॅ. महेन्द्र सिंह न केवल मजदूर-किसानों के लोकप्रिय नेता थे, बल्कि विधानसभा में विपक्ष की मुखर आवाज रहे. भाकपा-माले के केंद्रीय कमिटी सदस्य व वरिष्ठ पार्टी नेता बृज बिहारी पांडेय, पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. अमर, काॅ. राजाराम सिंह, मीना तिवारी, सरोज चैबे, रामाधार सिंह, उमेश सिंह, अभ्युदय, नवीन कुमार, अनिता सिन्हा, संतलाल आदि नेताओं ने महेन्द्र सिंह को अपनी श्रद्धांजलि दी. अपने संबोधन में बृज बिहारी पांडेय ने कहा कि काॅ. महेन्द्र सिंह सच्चे कम्युनिस्ट नेता थे. विधायक के बतौर उन्होंने जिस वैकल्पिक माॅडल का निर्माण किया, वह हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है. शासक समुदाय जब उन्हें वोट के जरिए नहीं हरा सका, तो उनकी हत्या करवा दी गयी. उनकी हत्या के लिए प्रमुख रूप से भाजपा जिम्मेवार है. दुर्भाग्य से वही ताकतें आज देश की सत्ता में है. राजाराम सिंह ने कहा कि महेन्द्र सिंह में सीखने की अद्भुत क्षमता थी और उनसे बहुत कुछ सीखने की प्रेरणा मिलती है. काॅ. मीना तिवारी ने भी अपने वक्तव्य रखे और उन्हें याद किया. कहा कि महेन्द्र सिंह अंतिम दम तक अपने उसूल पर खड़े रहे और इसीलिए उनकी शहादत हुई.
मंगलवार, 16 जनवरी 2018
बिहार : पूर्व विधायक महेन्द्र सिंह की शहादत की बरसी पर श्रद्धांजलि सभा.
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