नयी दिल्ली, 28 जनवरी, सरकार ने कल से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में जहां विपक्षी दलों को उनके सुझावों पर गम्भीरता से विचार करने का भरोसा दिलाया वहीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराने का आश्वासन दिया है। बजट सत्र से ऐन पहले आज दो सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी थी। पहली बैठक संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दिन में बुलायी थी, जबकि श्रीमती महाजन ने शाम साढ़े सात बजे यह बैठक रखी थी। श्रीमती महाजन ने लगभग दो घंटे से ऊपर चली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “कल से प्रारंभ होने वाले बजट सत्र की पूर्व संध्या पर आज सभी दलों के नेताओं से मुलाकात हुई। सबके सहयोग से यह सत्र भी सुचारू रूप से चलेगा, ऐसी आशा है।” उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस सत्र में भी विधायी कार्य और जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि इस सत्र के दो हिस्से होंगे। पहले भाग में आठ और दूसरे भाग में 23 बैठकें होंनी हैं। उन्होंने बताया कि सर्वदलीय बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और वह सभी मसलों पर चर्चा कराने का प्रयास करेंगे। श्रीमती महाजन की ओर से आयोजित बैठक में सदन के उपाध्यक्ष एवं अन्नाद्रमुक नेता एम. थम्बीदुर्रई, संसदीय कार्य मंत्री के अलावा उनके सहयोगी अर्जुन मेघवाल, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप्त बंद्दोपाध्याय प्रमुख रूप से शामिल थे।
इससे पहले सरकार की ओर से आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आम बजट के लिए यह सत्र बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसे सफल बनाने के लिए विपक्षी दलों ने जो सुझाव दिये हैं, उन पर गम्भीरता से विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विकास के लिए व्यवस्था बदलने की जरूरत है। उन्होंने सभी दलों से अपील भी की कि वे विकास के मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर चर्चा करें। संसदीय कार्य मंत्री ने भी संवाददाताओं को बताया कि सभी दलों ने सत्र को सफल बनाने के लिए अपने-अपने सुझाव दिये हैं। सरकार इन सुझावों पर गम्भीरता से विचार करेगी। तीन तलाक विधेयक के संदर्भ में पूछे जाने पर श्री कुमार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस सत्र में तीन तलाक विधेयक राज्यसभा में भी पारित हो जायेगा। उन्होंने कहा कि वह खुद और उनके सहयोगी राज्य मंत्री इस मुद्दे पर पार्टियों को समझाने का भरपूर प्रयास करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की तरह यह विधेयक भी सर्वसम्मति से सदन में पारित हो जायेगा। उन्होेंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी विपक्ष से रचनात्मक एवं प्रभावी सहयोग की अपील की है और विपक्ष ने भी उन्हें सहयोग का भरोसा दिया है।
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