नयी दिल्ली, 28 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता तथा उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिखकर सांसदों के वेतन में बढोतरी पर रोक लगाने और आर्थिक रूप से संपन्न सांसदों को सोलहवीं लोकसभा के शेष कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने की अपील की है। श्री गांधी ने श्रीमती महाजन को लिखे पत्र में कहा है कि भारत में सामाजिक और आर्थिक असमानता बढ़ती जा रही है। इसलिए यह जरूरी है कि सांसद इसे कम करने के लिए पहल करें। उन्होंने लिखा है कि भारत में 84 अरबपतियों के पास देश की 70 प्रतिशत संपदा है और एक प्रतिशत अमीर लोग देश की कुल संपदा के 60 प्रतिशत के मालिक हैं। 1930 में इतनी संपदा 21 प्रतिशत लोगों के पास थी। उन्होंने लिखा है, “हमें जन प्रतिनिधि के तौर पर देश की सामाजिक अौर आर्थिक हकीकत के प्रति सजग होना चाहिए। वह हालांकि समझते हैं कि सभी सांसद ऊंची आर्थिक स्थिति नहीं रखते हैं और कई अपनी आजीविका के लिए वेतन पर ही निर्भर करते हैं। इसलिए अध्यक्ष महोदया से मेरा निवेदन है कि आर्थिक रूप से सम्पन्न सांसदों द्वारा 16वीं लोकसभा के बचे कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने के लिए वह आंदोलन शुरू करें।” उन्होंने कहा कि ऐसी स्वैच्छिक पहल से निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की संवेदनशीलता को लेकर देशभर में एक सकारात्मक संदेश जायेगा।”
श्री गांधी ने लिखा है कि अगर वेतन छोड़ने को कहना बहुत बड़ी मांग है तो अपनी मर्जी से अनाधिकार खुद का वेतन बढ़ा लेने की जगह वैकल्पिक तरीके को लेकर अध्यक्ष महोदया एक नया विमर्श पेश कर सकती हैं और 16वीं लोकसभा के बचे हुए कार्यकाल में वेतन को जस का तस रखने का फैसला भी इस दिशा में एक स्वागत-योग्य कदम हो सकता है। उन्होंने ब्रिटेन की ‘रिव्यू बॉडी ऑन सीनियर सैलरी’ की तरह एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था की स्थापना किये जाने की आवश्यकता भी जतायी, जो ऐसे फैसले लागू करने और सांसदों की वित्तीय क्षतिपूर्ति की जांच कर सकेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम से कुछ लोगों को भले ही असुविधा होगी, लेकिन इससे समग्र रूप से प्रतिष्ठान के प्रति लोगों का भरोसा पैदा होगा।
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