दुमका : नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 121 वीें जयंती धूमधाम से मनायी गई। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 जनवरी 2018

दुमका : नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 121 वीें जयंती धूमधाम से मनायी गई।

  • शैक्षिक महासंघ एसपी काॅलेेज, नेशनल स्कूल, छात्र चेतना संगठन व राजद मना उत्सव 

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के तत्वावधान में दिन मंगलवार (23 जनवरी) को एस पी कॉलेज, दुमका के काॅफ्रेंस हॉल में पूर्व प्राचार्य एस पी महाविद्यालय, दुमका डा0 सुरेन्द्र झा की अध्यक्षता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 121 वीे जयंती मनायी गई। इस अवसर नेताजी की जयंती पर कर्तव्य बोध दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियो ने सरस्वती वन्दना, भारत माता, विवेकानंद व नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण किया एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शफआत की गई। डॉक्टर शशि शेखर दास ने सरस्वती वंदना का गायन किया. ए बी आर एस एम के अध्यक्ष डॉक्टर अजय सिन्हा ने अथितियो का स्वागत करते हुए कर्तव्य बोध दिवस मनाने के औचित्य पर प्रकाश डाला .अपने अध्यक्षिय सम्बोधन में डॉक्टर सुरेन्द्र झा ने कहा की 18 वीं शदी के भारत ने सबसे अधिक महापुरुष पैदा किए. आज सिर्फ अधिकारो की चर्चा होती है, कर्तव्य की नही। .कर्तव्य का अर्थ है क्या करना चाहिए . हमारी संस्कृति में कर्तव्य का निर्धारण धर्म से होता है . धर्म और रिलीजन समानार्थी नही है . नेताजी के जीवन पे बोलते हुए डॉक्टर झा ने उनके दुमका से सम्बंध का जिक्र किया. उन्होंने उन बुद्धिजीवियों की कटु आलोचना की जो राष्ट्रवाद को नही मानते और भारत के टुकरे करने का स्वप्न देखते है .उन्होंने वि वि में लोकतंत्र की स्थापना के लिए वि वि अधिनियम में संशोधन की माँग की. उन्होंने कहा कि अपने अधिकारो के लिए संघर्ष करना भी हमारा कर्तव्य है  शिक्षकों को आज बुद्धिजीवी होने की जरूरत है. मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए दर्शन शास्त्र विभाग के सेवा निवृत अध्यक्ष डॉक्टर एल के पांडेय ने कहा की नैतिकता का सीधा सम्बंध कर्तव्य से जुड़ा है .स्वाकर्तव्य का पालन आवश्यक है .शिक्षक का कर्तव्य सिर्फ वर्ग तक सीमित नही है. समाज को उनसे काफी अपेक्षा है .डॉक्टर धनंजय मिश्रा ने कहा आज शिक्षक  अपने मूल दायित्व से भटक गए है और पंथ और जाति में विभाजित हो रहे है .डॉक्टर संजीव कुमार ने कहा की राष्ट्रवादी संघटनो को देशद्रोही शक्तियों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए. डॉक्टर अनुज आर्य ने ए बी आर एस एम को एक मात्र ऐसा शिक्षक संघटन बताया जो समग्रता के साथ शिक्षक हित को आगे ले जाने का प्रयास कर रहा है। इस अवसर पर संघ के महासचिव डॉक्टर महेश्वर गोईत, उपाध्यक्ष डॉक्टर संजय प्रियम्बदा ,डॉक्टर शंकर पंजियारा, डॉक्टर ध्रुव देव आदि ने भी विचार प्रगट किए. मंच संचालन डॉक्टर राजीव सिन्हा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर निर्मला त्रिपाठी ने किया। स्नातकोत्तर रसायन विज्ञान विभाग में कार्यक्रमः स्नातकोत्तर रसायन विज्ञान विभाग में अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ, सिदो कान्हु मुर्मू विवि की एक बैठक संघ के संरक्षक डॉक्टर संजय सिंह की अध्यक्षता में किया गया, राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम एस पी कॉलेज के कॉन्फ्रेन्स हॉल में पूर्वा0 11ः30 बजे से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के लिए डॉक्टर राजीव सिन्हा व डॉक्टर निर्मला त्रिपाठी को संयुक्त रूप से संयोजक बनाया गया था। .बैठक में डॉक्टर हशमत अली डॉक्टर अजय सिन्हा व डॉक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह उपस्थित थे। नेशनल उच्च विद्यालय नेताजी की 121 वीं जयंती धूमधाम से मनायी गई: नेशनल उच्च विद्यालय के प्राचार्य सुभाष चंद्र सिंह की अध्यक्षता में दिन मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य सुभाष चन्द्र सिंह सहित पूर्व प्राचार्य अनंत लाल खिरहर, मदन कुमार, प्रकाश कुमार, सूचि स्मिता ने अपने-अपने संबोधनों द्वारा नेताजी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। इससे पूर्व विद्यालय के तमाम शिक्षक-शिक्षिकाओं सहित बच्चों ने नेताजी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। मंच संचालन एन.एस. एस.के विद्यालय समन्वयक प्रमोद कुमार ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एन.एस.एस.के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य सुभाष चंद्र सिंह,पूर्व प्राचार्यअनंत लाल खिरहर,जय प्रकाश झा जयंत,सुधा कुमारी, कृष्णानंद झा, राजीव कुमार सिंह, अशोक कुमार, जयप्रकाश चैधरी,सरिता कुमारी, मदन कुमार, प्रमोद कुमार, प्रकाश कुमार, नागेन्द्र प्रसाद साह,पूर्णेंदु कुमार मंडल,विजयानंद झा,श्रीकांत भूषण,प्रमिला अंकिता मुर्मू, संजीत कुमार चैधरी, बसंत कुमार, नफीसा बेगम ,सूची स्मिता, कंचना कंचन,जालेश्वर गुप्ता, वरुण घाटी, चंद्रशेखर चैधरी, मधुबाला, शौकत अली,किशोर कुमार मंडल,श्रीचंद्र चैधरी, अरविंदो सिन्हा, जनार्दन प्रसाद यादव, मुक्ताशीष साहा,संदीप गुप्ता,मिसिल सोरेन, प्रदीप कुमार, चुड़की मुर्मू, सूरज कुमार,पुरेंदर साह आदि उपस्थित थे। छात्र चेतना संगठन की दुमका इकाई ने नेताजी की 121 वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि: छात्र चेतना संगठन की दुमका इकाई ने केन्द्रीय कार्यालय दुमका में सुभाष चंद्र बोस की 121 वीं जयंती मनायी गई। संगठन के अधिकारियों ने नेता जी के चित्रपट पर माल्यार्पण किया। मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय प्रमुख हिमांशु मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में युवाओ के बीच भटकाव की स्थिति देखी जा रही है। नेता जी के आजाद हिन्द फौज से अनुशासन व  देश के प्रति प्रतिबद्धता को अपनाने की जरुरत है। उन्होंने कहा, नेता का अर्थ भटकाव से युवाओं को रोककर सही दिशा दिखाना है। युवाओं को भटकने नहीं देना है। प्रदेश संगठक उदयकांत पाण्डेय, संथाल परगना प्रभारी राजीव मिश्रा, केन्द्रीय कार्यसमिति सदस्य संजु ठाकुर, जिला महासचिव विशाल सिंह, कार्यसमिति सदस्य संतोष पाल, सक्रिय कार्यकर्ता निशान्त मिश्रा ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला बौद्धिक प्रमुख आरिफ अबरार, नगर स्वक्षता प्रभारी अब्दुल राजा, विवेकानंद साह,संजीत पासवान सहित दर्जनों के संख्या में कार्यकर्ता में उपस्थित थे। युवाओं के प्रेरणास्रोत थे नेताजीः स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 121 वीं जयंती के अवसर पर राजद जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में दिन मंगलवार को उनकी जयंती मनाई गई। बख्शी बांध रोड स्थित पॉपुलर क्लब में नेताजी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी सच्चाई, कर्तव्य व बलिदान का अनुसरण का संकल्प इस अवसर पर लिया गया। जिलाध्यक्ष अमरेंद्र यादव ने कहा की नेताजी द्वारा दिया गया नारा ’’तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’’, आज भी अनुकरणीय व प्रशंसनीय है।  उनके विचार क्रांतिकारी व बातें आज भी तन मन में जोश भर देती है। देश के लिए प्राण न्योछावर करने की उनकी प्रेरणा, उनके विचार हमेशा देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे। वरिष्ठ नागरिक सह पेंशनर व राजद नेता परमेश्वर झा ने कहा कि नेताजी का सपना कोई साधारण सपना नहीं था। देश के प्रति समर्पित होकर जीने की उनकी तमन्ना थी जिससे लाखों लोगों ने उन्हें अपना नेता माना। लाखों लोगों के नेता के रुप में उनके नेतृत्व क्षमता का परिणाम है कि बाद में वे नेताजी के रुप मंे प्रसिद्ध हुए। अपने प्राण की चिंता किए बिना भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते रहे। जिस तरह गांधी जी ने सत्य और अहिंसा का नारा दिया था उसी तरह नेताजी ने त्याग व बलिदान का नारा दिया। यह दिगर बात है कि सुभाष चंद्र बोस भारत की आजादी को नहीं देख सके पर उनका इतिहास भारतीय आजादी के पन्नों में सदैव सुनहरे अक्षरों में चमकता रहेगा। श्री झा ने कहा देश की रक्षा के लिए त्याग व बलिदान का दृढ़ संकल्प लेना चाहिए तभी उनकी जयंती सार्थक होगी। युवा राजद जिलाध्यक्ष असलम परवेज, अधिवक्ता लक्ष्मण पासवान, उपाध्यक्ष हरि मंडल उर्फ झारखंडी लालू, महासचिव संजय कुमार यादव, सचिव दिनेश मिश्रा, कोषाध्यक्ष विष्णु यादव, दुमका, काठीकुण्ड, जामा के प्रखण्ड अध्यक्षों सहित जिला कमेटी के सदस्यगण व कार्यकर्तागण इस अवसर पर मौजूद थे।

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