सुधार और विकास कार्य से बदलेगा समाज : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 13 जनवरी 2018

सुधार और विकास कार्य से बदलेगा समाज : नीतीश

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सासाराम/आरा 13 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्याय के साथ विकास की प्रतिबद्धता दुहराते हुये आज कहा कि सुधार और विकास कार्य से समाज में बदलाव आयेगा और राज्य अपने पुराने गौरव को हासिल करने में कामयाब होगा। श्री कुमार विकास समीक्षा यात्रा के क्रम में रोहतास जिले के संझौली प्रखंड में अमेठी पंचायत के सुसाढ़ी गांव पहुंचे, जहां उन्होंने खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हुए अमेठी पंचायत के विभिन्न पहलुओं की पूरी जानकारी ली। ओडीएफ घोषित होने वाला यह रोहतास जिले का पहला पंचायत है। इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुये कहा, “सरकार न्याय के साथ विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सुधार और विकास कार्यों से ही समाज में बदलाव आएगा और बिहार अपने पुराने गौरव को फिर से हासिल कर पाएगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरुषों की आदत है खुले में शौच करने की लेकिन यह आदत हर किसी को बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के साथ ही लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के जरिए राज्य में तेजी से शौचालयों का निर्माण हो रहा है। पचास के दशक में ही डॉ. राम मनोहर लोहिया ऐसे पहले राजनेता और चिंतक थे, जिन्होंने शौचालय निर्माण को लेकर आवाज बुलंद की थी। उन्होंने स्वच्छता और पर्यावरण के साथ ही महिलाओं के कष्ट को भी समझा तथा कहा कि यदि देश में महिलाओं के लिए शौचालय का निर्माण हो जाए तो वे तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का विरोध करना बंद कर देंगे।  श्री कुमार ने कहा कि यदि हर घर बिजली कनेक्शन की उपलब्धता, हर घर शौचालय निर्माण, हर घर पक्की गली-नाली का निर्माण, हर घर स्वच्छ नल का जल जैसी बुनियादी सुविधाएं लोगों तक पहुंच जाए तो लोग शहर में जाने का सपना नहीं देखेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा वातावरण बन जाए कि लोग खुले में शौच करने की सोचे भी नहीं। शौचालय निर्माण का काम पहले भी होता रहा है और उसके लिए पैसे भी दिए जाते थे लेकिन यह कार्य गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के माध्यम से होता था इसलिए अब एनजीओ के माध्यम से शौचालय निर्माण का काम बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यहां की फुलकुमारी ने अपना मंगलसूत्र बेचकर शौचालय का निर्माण कराया था, यह कोई साधारण बात नहीं है। इसकी खबर उन्हें समाचार पत्र के माध्यम से मिली थी लेकिन आज उनसे मिलकर काफी प्रसन्नता हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर ही बिहार में शराबबंदी लागू की गई लेकिन कुछ धंधेबाज अभी भी इस काम में जुटे हैं और जहरीली शराब पीने से रोहतास जिले में ही चार लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, वैशाली में धंधेबाजों से दो नंबर का शराब खरीदकर पीने से तीन लोग मौत के शिकार हो गए थे। उन्होंने कहा कि बिजली के खंभे पर टेलीफोन नंबर लगाए गए हैं, जिस पर शराब का अवैध कारोबार करने वाले एवं शराब का चोरी-छिपे सेवन करने वाले लोगों के संबंध में सूचना दी जा सकेगी। इसके लिए पुलिस महानिरीक्षक (मद्य निषेध) पद का सृजन किया गया है। सूचना देने पर एक घंटे के अंदर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो भी सूचना देंगे, उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा। श्री कुमार ने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी के कानूनन अपराध होने के बावजूद ऐसी शादियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि कम उम्र में महिलाएं गर्भधारण करती हैं तो प्रसव के दौरान उनकी मौत हो जाती हैं और जो बच्चे पैदा होते हैं, वे मंदबुद्धि और बौनेपन के शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर कानून बनाया गया है फिर भी ये दोनों कुरीतियां आज भी समाज में व्याप्त हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपराध के आंकड़े में बिहार 22वें स्थान पर है जबकि दहेज हत्या और दहेज उत्पीड़न के मामले में बिहार दूसरे नंबर पर है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यदि इससे छुटकारा मिल जाए तो बिहार एक आदर्श राज्य बन जाएगा और अपराध की घटनाएं भी काफी कम होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 02 अक्टूबर को बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ सशक्त अभियान की शुरुआत की गई। उन्होंने 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी और नशामुक्ति के समर्थन में बनी मानव श्रृंखला का जिक्र करते हुए कहा कि यदि लोग मन बना लें कि यदि कोई भी परिवार दहेज लेकर या देकर अपने पुत्र या पुत्री का विवाह करता है तो उस शादी समारोह में भाग नहीं लेंगे। जिस दिन ऐसा हो जाएगा तो दहेज प्रथा निश्चित रूप से समाप्त हो जाएगी।

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