नयी दिल्ली 22 जनवरी, उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से संबंधित बम्बई उच्च न्यायालय में चल रहे दो मामलों को आज शीर्ष न्यायालय में हस्तांतरित कर लिया। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि दो फरवरी निर्धारित की है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा कि वह न्यायाधीश लोया की मृत्यु से संबंधित सभी दस्तावेजों की पड़ताल करेगी। अनिता शेनॉय, तहसीन पूनावाला, एक पत्रकार और बंधुराज संभाजी लोन ने अपनी याचिकाओं में कहा है कि न्यायाधीश लोया की मौत संदिग्ध हालात में हुई थी। उन दिनों न्यायाधीश लोया सोहाराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह एक आरोपी थे। उच्चतम न्यायालय ने सभी पक्षों से कहा कि वे न्यायाधीश लोया की मृत्यु से संबंधित सभी दस्तावेज उसके समक्ष पेश करें। महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि न्यायाधीश लोया की मौत की सावधानीपूर्वक विस्तृत जांच की गयी है। चार न्यायिक अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि उनकी मौत के संबंध में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है। इस मामले में रिकार्ड किये गये बयानों में कहा गया है कि न्यायाधीश लोया की मृत्यु हृदयाघात से हुई है।
सोमवार, 22 जनवरी 2018
जज लोया से संबंधित मामले सुप्रीम कोर्ट में हस्तांतरित
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