बेतिया 18 जनवरी, बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में बगहा (एक) प्रखंड के कोल्हुआ चैतरवा पंचायत की मुखिया पलक भारती को गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के आरोप में आज पद छोड़ना पड़ गया। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने श्रीमती भारती को पद से मुक्त करने के साथ ही उनके जाति प्रमाण पत्र को भी रद्द करने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि कोल्हुआ चैतरवा के नंदकिशोर राम ने आयोग में परिवाद दायर कर आरोप लगाया था कि निर्वाचित मुखिया पलक भारती ‘थारू’ (अनुसूचित जनजाति) वर्ग से आती हैं लेकिन निर्वाचन के दौरान वह अनुसूचित जाति (चमार) के प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुई हैं। इस संबंध में आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी से प्रतिवेदन की मांग की थी। मामले में जिलाधिकारी ने नरकटियागंज के अनुमंडल पदाधिकारी से जांच प्रतिवेदन मांगी। प्रतिवेदन के अनुसार, श्रीमती भारती के पिता बुधई महतो अनुसूचित जनजाति के तहत थारू जाति के हैं इसलिए उनकी जाति उनके पिता की जाति से निर्धारित होनी चाहिए। लेकिन, श्रीमती भारती ने 2016 के पंचायत चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर गलत प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और विजयी भी हुईं। आयोग ने उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर श्रीमती भारती को अनूसूचित जनजाति का माना है और उनके द्वारा दाखिल चमार जाति के प्रमाणपत्र को अवैध करार दिया है। आयोग ने बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 136(2) के तहत श्रीमती भारती को मुखिया पद से अयोग्य घोषित किया है। उन्होंने बताया कि आयोग से प्राप्त निर्देशों के तहत संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
शुक्रवार, 19 जनवरी 2018
गलत जाति प्रमाण पत्र ले मुखिया बनी पलक ने पद गंवाया
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