कोलकाता/नयी दिल्ली 22 जनवरी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीतराम येचुरी ने 2019 के आम चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन के उनके प्रस्ताव को पोलित ब्यूरो में समर्थन नहीं मिल पाने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। श्री येचुरी के इस्तीफे की पेशकश के बावजूद पोलित ब्यूरो ने कहा कि वह पद नहीं छोड़ सकते। सूत्रों ने बताया कि श्री येचुरी ने केंद्रीय कमेटी की तीन दिवसीय बैठक के दौरान अपने इस्तीफे की पेशकश की थी जिससे पार्टी की अांतरिक कलह सामने आ गयी है। उन्होंने पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन का प्रस्ताव रखा और जब उसे पर्याप्त समर्थन नहीं मिला, उन्होंने इस्तीफे की पेशकश कर दी। इस बैठक का समापन कल हुआ। श्री येचुरी का मानना है कि 2019 के चुनाव में भाजपा को पराजित करने के लिए वाम दलों और कांग्रेस समेत सभी लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट होना होगा। माकपा महासचिव का कहना है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन के बगैर भाजपा को हराने का कोई रास्ता नहीं है। अपुष्ट रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में मौजूद लोगों में से 55 ने श्री येचुरी के प्रस्ताव का विरोध किया और 31 लोगों ने उसके पक्ष में मतदान किया। पार्टी के केरल इकाई और त्रिपुरा इकाई के सदस्यों ने श्री येचुरी के प्रस्ताव का विरोध किया। श्री येचुरी ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि पोलित ब्यूरो ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है लिहाजा वह अभी भी पार्टी के महासचिव हैं।
सोमवार, 22 जनवरी 2018
येचुरी की महासचिव पद से इस्तीफे की पेशकश
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