पटना 28 फरवरी 2018, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार के डीजीपी के रूप में केएस द्विवेदी की नियुक्ति को आरएसएस के दबाव में नीतीश सरकार द्वारा उठाया गया कदम बताया है. उन्होंने कहा कि एक विवादित व्यक्ति को बिहार पुलिस का डीजीपी बनाने से राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द की भावना को गहरा आघात लग सकता है. कमजोर व अल्पसंख्यक समुदाय के भीतर भगवाधारियों की लंपटई के कारण पहले से ही खौफ है. अब द्विवेदी के डीजीपी बनने से यह खौफ और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि केएस द्विवेदी के कार्यकाल के ही दौरान 1989 के अक्टूबर में भागलपुर में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे और भागलपुर के एसपी के रूप में उनका कार्यकाल काफी विवादित रहा था. तत्कालीन एसपी के रूप में 1989 के बर्बर भागलपुर दंगों के दौरान उनकी भूमिका किसी से छिपी हुई नहीं है. उन्होंने खुलकर दंगाइयों का समर्थन किया था और इसलिए उन्हें पद से हटाया गया था. उसके बाद भी द्विवेदी की भूमिका संदिग्ध ही बनी रही. कानून का पालन करने की बजाए द्विवेदी संघी विचारधारा के प्रति ज्यादा प्रतिबद्ध रहने वाले व्यक्ति रहे हैं. अतः ऐसे व्यक्ति को डीजीपी नहीं बनाया जाना चाहिए.
बुधवार, 28 फ़रवरी 2018
विवादित व्यक्ति को आरएसएस के इशारे पर बनाया गया बिहार का डीजीपी: माले
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