पटना 12 फरवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में होने वाले उप चुनाव की कुछ सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विभिन्न घटक दलों के बीच चल रही खींचतान के संबंध में कुछ भी कहने से इंकार करते हुए स्पष्ट किया कि वह प्रदेश में राजग का नहीं बल्कि राजग सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। श्री कुमार ने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग में लोक संवाद कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी ने बिहार में होने वाले उप चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। पार्टी की राज्य इकाई ने इस विचार से उन्हें अवगत कराया और उन्होंने इसकी मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का यह नीतिगत फैसला है कि जिस क्षेत्र में उनके दल का कोई वर्तमान विधायक या सांसद नहीं है और वहां के निर्वाचित प्रतिनिधि का निधन हो जाता है तो ऐसी स्थिति में वहां होने वाले उप चुनाव में उनकी पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। मुख्यमंत्री ने उप चुनाव वाली कुछ सीटों को लेकर राजग के घटक दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ( रालोसपा) के बीच चल रही खींचतान के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि वह बिहार में राजग के नेता नहीं हैं बल्कि राजग सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। सभी पार्टियां सीटों को लेकर दावा करती हैं और यह उनका अधिकार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में राजग सामूहिक नेतृत्व के तहत काम कर रहा है।
श्री कुमार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बनाकर उन्होंने जनादेश का अपमान नहीं किया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के समय दिल्ली में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया था। उनकी प्रतिबद्धता शासन के प्रति है, पहले भी था और आज भी है। जनता की सेवा के लिए उनके नेतृत्व में जनादेश मिला है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने साफ कहा था कि वह भ्रष्टाचार से कभी समझौता नहीं करेंगे। ऐसी स्थिति में उनके लिए एक दागी सहयोगी के साथ मिलकर सरकार चलाना कठिन था। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री यादव को 20 साल पुराने मामले में आज सजा हो रही है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले की जांच की है। अदालत में मामला चल रहा है। इसमें उनकी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने चारा घोटाले के मामले में श्री लालू प्रसाद यादव के जेल जाने और बेनामी सम्पत्ति मामले में उनके परिवार के सदस्यों पर कसते कानूनी शिकंजे की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है उसमें यदि वह महागठबंधन में होते तो उन्हें असहजता का सामना करना पड़ता। छह माह पूर्व महागठबंधन के टूटने के समय जिस तरह से मीडिया में भ्रष्ट्राचार को लेकर खबरें प्रमुखता से आ रही थीं, वह अब पीछे चली गयी है। श्री कुमार ने कहा कि उन्हें लगता था कि वह महागठबंधन की सरकार को साल-डेढ़ साल से ज्यादा नहीं चला पायेंगे लेकिन सरकार 20 माह तक चली। उन्होंने कहा कि वह बहुत मुश्किल से बीस माह तक महागठबंधन की सरकार चला पाये और इससे आगे इसका नेतृत्व करना उनके लिए संभव नहीं था। भाजपा से गठबंधन उन्होंने बिहार के हित को ध्यान में रखकर किया है। उनकी रुचि एक-एक क्षण का उपयोग लोगों की सेवा करने में है। वह बिहार की सेवा कर रहे हैं, यह भी देश की सेवा है। इस कार्य में केंद्र का भी उन्हें सहयोग मिल रहा है, जिसके कारण विकास कार्यों में गति आयी है।
श्री कुमार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बनाकर उन्होंने जनादेश का अपमान नहीं किया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के समय दिल्ली में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया था। उनकी प्रतिबद्धता शासन के प्रति है, पहले भी था और आज भी है। जनता की सेवा के लिए उनके नेतृत्व में जनादेश मिला है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने साफ कहा था कि वह भ्रष्टाचार से कभी समझौता नहीं करेंगे। ऐसी स्थिति में उनके लिए एक दागी सहयोगी के साथ मिलकर सरकार चलाना कठिन था। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री यादव को 20 साल पुराने मामले में आज सजा हो रही है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले की जांच की है। अदालत में मामला चल रहा है। इसमें उनकी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने चारा घोटाले के मामले में श्री लालू प्रसाद यादव के जेल जाने और बेनामी सम्पत्ति मामले में उनके परिवार के सदस्यों पर कसते कानूनी शिकंजे की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है उसमें यदि वह महागठबंधन में होते तो उन्हें असहजता का सामना करना पड़ता। छह माह पूर्व महागठबंधन के टूटने के समय जिस तरह से मीडिया में भ्रष्ट्राचार को लेकर खबरें प्रमुखता से आ रही थीं, वह अब पीछे चली गयी है। श्री कुमार ने कहा कि उन्हें लगता था कि वह महागठबंधन की सरकार को साल-डेढ़ साल से ज्यादा नहीं चला पायेंगे लेकिन सरकार 20 माह तक चली। उन्होंने कहा कि वह बहुत मुश्किल से बीस माह तक महागठबंधन की सरकार चला पाये और इससे आगे इसका नेतृत्व करना उनके लिए संभव नहीं था। भाजपा से गठबंधन उन्होंने बिहार के हित को ध्यान में रखकर किया है। उनकी रुचि एक-एक क्षण का उपयोग लोगों की सेवा करने में है। वह बिहार की सेवा कर रहे हैं, यह भी देश की सेवा है। इस कार्य में केंद्र का भी उन्हें सहयोग मिल रहा है, जिसके कारण विकास कार्यों में गति आयी है।
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