नयी दिल्ली 09 फरवरी, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था की मजबूती और निवेश की जरूरतों को देखते हुये दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीजीटी) लगाया गया है। श्री जेटली ने आम बजट पर राज्यसभा में 12 घंटे की चर्चा का जबाव देते हुये कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इसकी शुरूआत की थी और उन्होंने अर्थव्यवस्था से जुड़े कई सवाल पूछे थे। वित्त मंत्री ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (संप्रग) के अंतिम तीन वर्ष अौर मोदी सरकार के तीन वर्ष के कार्यालय के आर्थिक आंकड़ों की तुलना करते हुये कहा कि संप्रग के कार्यकाल में राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा, चालू खाता घाटा और महंगाई सब अपने रिकार्ड स्तर पर रहे जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कार्यकाल में सभी आर्थिक पैरामीटर नियंत्रित रहे हैं। सिर्फ चालू वित्त वर्ष में यह सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के कारण राजकोषीय घाटा के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पायी है क्योंकि 11 महीने के राजस्व में 12 महीने का व्यय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण प्रत्यक्ष कर संग्रह में तेजी आयी है और चालू वित्त वर्ष में पहले 10 महीने में अप्रैल से जनवरी तक इसमें 19.7 प्रतिशत की बढोतरी हुयी है। इसके साथ ही जीएसटी लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या भी एक करोड़ के पार पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय में कोई कमी नहीं की गयी है बल्कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में हर वर्ष व्यय में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की कटौती की जाती थी जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में संशोधित अनुमान बजट अनुमान से अधिक रहा है। इसका मतलब है कि सरकार ने जन कल्याण के कार्याें पर व्यय किया है।
शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018
अर्थव्यवस्था की मजबूती को देखते हुये लगाया गया है एलटीजीटी: जेटली
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