मुंबई, 28 फरवरी,दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी का पार्थिव शरीर लिये सफेद फूलों से सजा ट्रक आज दोपहर यहां जब विले पार्ले श्मसान घाट की ओर बढ़ा तो हजारों लोगों की भीड़ उन्हें एक नजर देखने के लिए उमड़ पड़ी। चाहे वृद्ध हो, या युवा या गृहिणी, सभी उम्रवर्ग और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपनी प्रिय अदाकारा को अंतिम श्रद्धांजलि देने सड़कों पर उमड़ पड़े। कुछ लोग तो ट्रक के पीछे पीछे चलने लगे जबकि कुछ उनकी एक झलक पाने की आस में जद्दोजेहद करने लगे। लोखंडवाला से श्मसान घाट जाने वाली सड़क के डिवाइडर पर बड़ी संख्या में लोग खड़े गये। लोग अपने घरों की बालकनी और छज्जों पर भी खड़े थे। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने और ट्रक को आसानी से गुजरने देने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। करीब पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटा 45 मिनट लगे। आतुर भीड़ श्मसान घाट पर ऊंचाई वाली जगह पर पहुंच गयी और वहां पहुंच रहे फिल्मी बिरादरी के सदस्यों की एक झलक पाने को बेताब रही। श्मसान घाट जाने वाली सड़क पर बैरीकेड लगाने के बाद भी लोग वहां पहुंच गये। पुलिस को उन्हें वहां से चले जाने के लिए माइक्रोफोन पर बार बार अपील करनी पड़ी। एक बार को विले पार्ले रेलवे स्टेशन को जाने वाले फुटओवर ब्रिज पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रीदेवी की अंतिम फिल्म ‘मॉम’ में उनके साथ छोत्रा सा पात्र कर चुके अतुल ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि मेरी मां चल बसीं। वह हमारा ख्याल रखती थीं और हमें वित्तीय रुप से भी सहयोग करती थीं।’’ मध्यप्रदेश के उज्जैन से यहां पहुंचे नाट्य कलाकार जय किशन ने कहा, ‘‘मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मध्यप्रदेश से यहां आया हूं।’’ ठाणे के निवासी बाबू पवार ने कहा, ‘‘(शनिवार को उनकी मौत की खबर सुनकर) मैंने सोचा कि यह मजाक है। लेकिन जब मैंने टीवी पर खबर देखी तो मैं सन्न रह गया और अपने आंसू नहीं रोक पाया।’’ डोम्बिवली के अमोल पवार ने कहा कि वह और उनकी पत्नी इसलिए आए हैं क्योंकि उनकी पत्नी आखिरी बार उन्हें देखना चाहती थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी श्रीदेवी की बहुत बड़ी प्रशंसक है। उसने करीब करीब उनकी सारी फिल्में देखी हैं।’’
बुधवार, 28 फ़रवरी 2018
श्रीदेवी की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा
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