नयी दिल्ली 07 फरवरी, संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद के प्रस्ताव को आज ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के केंद्रीय कक्ष में दाेनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में दिए गए अभिभाषण पर दो दिन तक चली चर्चा के बाद लोकसभा और राज्यसभा ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया। लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के जवाब के बाद जब प्रस्ताव को पारित करने की प्रक्रिया हुई तो कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों ने सदन से बहिर्गमन किया। राज्यसभा में जवाब के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने बहिर्गमन किया। राज्यसभा में प्रस्ताव करने की प्रक्रिया के दौरान समाजवादी पार्टी के विशंभर प्रसाद निषाद और किरणमय नंदा, नरेश अग्रवाल और कांग्रेस के सुब्बूरामी रेड्डी ने अपने संशोधन वापस ले लिये। तेलंगाना राष्ट्र समिति के विजय साई रेड्डी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा, कांग्रेस के के आर रहमान, हुसैन दलवाई और मोतीलाल वोरा और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के के रागेश के संशोधन ध्वनिमत से गिर गए। माकपा के टी के रंगराजन ने अपने संशोधन पर मत विभाजन की मांग की जिसे सदन ने 57 के मुकाबले 86 मतों से नामंजूर कर दिया। प्रस्ताव के पारित होने के दौरान सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा कि सरकार लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने पर सैद्धांतिक रुप से सहमत है और श्री रंगराजन को अपना संशोधन वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित से कराने की परंपरा रही है। गौरतलब है कि विपक्ष राज्यसभा में मोदी सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रपति के अभिभाषण में दो बार संशोधन कराने में कामयाब रहा है।
बुधवार, 7 फ़रवरी 2018
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित
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