ट्रंप और मोदी के बीच टेलीफोन पर बातचीत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

ट्रंप और मोदी के बीच टेलीफोन पर बातचीत

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वाशिंगटन,09 फरवरी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मालदीव में राजनीतिक संकट, अफगानिस्तान युद्ध और म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति के मसले पर बातचीत की। एशिया में चीन के वर्चस्व को रोकने के लिए ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ सैन्य और आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस कार्यालय सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर बातचीत की और मालदीव के राजनीतिक संकट तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं के सम्मान और कानून के शासन जैसे मुद्दे पर विस्तार से बातचीत की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनाे नेताओं ने अफगानिस्तान की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्वता दोहराई। भारत ने हाल ही के वर्षों में अफगानिस्तान में सहायता में बढ़ोत्तरी की है और 2016 में और हथियार भेजने का वादा किया था। अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में यह कहकर कटौती की है कि इसके बदले पाकिस्तान ने धोखा और विश्वासघात के अलावा कुछ नहीं दिया। दरअसल पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है जिसे लेकर पाकिस्तान से अमेरिका काफी खफा है। इसके अलावा श्री ट्रंप ने उत्तर कोरिया के मामले में भी चर्चा की और बंगलादेश में पिछले वर्ष से रह रहे राेहिंग्या शरणार्थियों की दशा पर बातचीत की। इस आशय की रिपोर्टें मिल रही हैं कि इन शरणार्थियों के साथ काफी अमानवीय अत्याचार हो रहा है। भारत और उत्तर कोरिया के बीच राजनयिक संबध हैं, लेकिन भारत ने भोजन और दवाओं के अलावा अधिकतर वस्तुआें पर प्रतिबंध लगा रखा है। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले वर्ष अक्टूबर में अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलेरसन से मिलकर भारत का पक्ष रखा था कि संवाद कायम रखने के लिए दोनों देशों के बीच राजनयिक संपर्क आवश्यक है। दोनाें नेताओं ने मालदीव के राजनीतिक संकट तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं के सम्मान और कानून के शासन जैसे मुद्दे पर विस्तार से बातचीत की।मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन, पाकिस्तान आैर सऊदी अरब में अपने प्रतिनिधि भेजे हैं और उन्हें देश के राजनयिक संकट के बारे में अवगत कराने को कहा है। मालदीव में इस समय आपातकाल लागू है और वहां विपक्ष के नेताओं के अलावा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हिरासत में हैं।

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