वित्त मंत्री ने बैंकों से कर्ज सस्ता करने को कहा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 19 अगस्त 2012

वित्त मंत्री ने बैंकों से कर्ज सस्ता करने को कहा.


वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बैंकों से कर्ज सस्ता करने और ऋण की मासिक किश्तों को मुनासिब रखने को कहा है. इससे टिकाऊ उपभोक्ता सामान की मांग बढ़ सकेगी और विनिर्माण उद्योग का पहिया फिर तेजी से घूमने लगेगा. वित्तमंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद सूखा प्रभावित राज्यों में कृषि ऋणों के पुनर्गठन और शिक्षा के लिए बैंक ऋण मंजूर करने की प्रक्रिया आसान बनाने की घोषणा की. 

चिदंबरम ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र की सेहत दुरुस्त है. उन्होंने सरकारी बैंकों को दो साल में एटीएम की संख्या मौजूदा 63,000 की दोगुना करने को कहा. साथ ही उन्होंने बैंकों को एटीएम को नकद निकासी के साथ-साथ नकदी नकद राशि स्वीकार करने वाली मसीन का रूप दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे लोग बैंकों के पास और अधिक धन रखने को प्रवृत्त होंगे.

वित्तमंत्री ने कहा, ‘अगर हम निवेश बहाल करते हैं तो हमारी ज्यादातर दिक्कतें खत्म हो जाएंगी. हर क्षेत्र में लघु, मझोले और भारी उद्योगों में निवेश में सुधार लाना होगा. धारणा केवल एक कारक है. अगर अन्य मुद्दे सुलझा लिए जाते हैं तो धारणा बदल जाएगी.’ उन्होंने कहा कि बैंक के चेयरमैन खुले दिल के रहे हैं और उन्होंने कई मुद्दों की पहचान की है जो निवेश के रास्ते रोड़ा बन रहे हैं. इन मुद्दों में ईंधन आपूर्ति के समझौते,परियोजनाओं की मंजूरी में विलंब,भूमि अधिग्रहण व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण व राज्यों के बिजली बोर्ड जैसी सरकारी एजेंसियों के समय पर भुगतान नहीं किया जाना शामिल है.

चिदंबरम ने कहा कि मैं इन मुद्दों को संबद्ध मंत्रालयों के समक्ष उठाऊंगा. मैंने बैंकों को उन क्षेत्रों पर ध्यान देने को कहा है जिन्हें ऋण की अधिक जरूरत है. चिदंबरम ने समान मासिक किस्त को वाजिब स्तर पर रखे जाने पर जोर देते हुए कहा, ‘मध्यम वर्ग बढ़ती ईएमआई और भुगतान चक्र लंबा खींचने के बारे में शिकायत कर रहा है.मध्यम वर्ग टिकाऊ उपभोक्ता सामानों की खरीद टाल रहा है जो कि उद्योग के लिए अच्छा नहीं है.’ उन्होंने कहा कि निवेश योजनाएं सामने लाई जानी चाहिए और उपभोक्ताओं को टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद करने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि विनिर्माण का इंजन तेजी से चले.

चिदंबरम ने कहा, ‘ ईएमआई वाजिब स्तरों पर रखनी होगी ताकि लोग दोपहिया वाहन,कारें,फ्रिज,वाशिंग मशीनें आदि खरीदें. इससे विनिर्माण का इंजन चलता रहेगा और बड़े उद्योग इन वस्तुओं का उत्पादन जारी रखेंगे. इसी तरह, छोटे एवं मझोले उद्यमों से कल पुर्जें एवं सहायक उपकरणों की आपूर्ति जारी रहेगी.’ वित्तमंत्री ने भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन के उदाहरण का हवाला दिया जिसमें एसबीआई चेयरमैन ने बताया था कि ईएमआई घटाने के बाद कारों की बिक्री तेजी से बढ़ गई. जब 7 वर्ष की अवधि के ऋण के लिए प्रति माह एक लाख रुपये की ईएमआई 1,766 रुपये थी तब एसबीआई के जरिए प्रतिदिन 400 कारें बिक रही थीं, लेकिन जब ईएमआई घटाकर 1,725 रुपये पर ला दी गई तो यह बिक्री बढ़कर प्रतिदिन 700 कारों पर पहुंच गई. मंत्री ने कहा, ‘मैंने अन्य बैंकों को भी एसबीआई के उदाहरण पर ध्यान देने को कहा है.’

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