दहेजबंदी पर नीतीश ने बढ़ाया एक और कदम, कहा लेनदेन वाली शादी में शरीक न हों - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 15 अप्रैल 2017

दहेजबंदी पर नीतीश ने बढ़ाया एक और कदम, कहा लेनदेन वाली शादी में शरीक न हों

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पटना 14 अप्रैल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘दहेजबंदी’ की दिशा में आज एक कदम आगे बढ़ते हुए दहेज के चलन की जोरदार आलोचना की और प्रदेशवासियों से लेन-देन वाली शादियों में शरीक नहीं होने का आग्रह किया है। श्री कुमार ने राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल स्मारक भवन में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें अपने रास्ते से दहेज व्यवस्था को हटाना है। ऐसे विवाह समारोह में शामिल नहीं हो जहां आपको दहेज के लेन-देन की जानकारी हो।” उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ भी आवाज बुलंद करते हुए लोगों से इस सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ फेंकने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाल विवाह पर सचेत होने की जरुरत हैं क्योंकि कुपोषण का मुख्य कारण बाल विवाह है।  मुख्यमंत्री ने कहा, “हम न्याय में यकीन करते हैं। बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के अनुरूप चलना चाहते हैं। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाना चाहते हैं। शराबबंदी की तरह दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा। हमें बाबा साहेब के सिद्धांत एवं उनके नारे को अपनाना चाहिये। शिक्षित बनो, इसके लिये सभी को पढ़ना चाहिये, संगठित होना चाहिये ताकि अपनी आवाज को बुलंद कर सके।” श्री कुमार ने कहा कि देश को दिशा देने में संविधान निर्माता बाबा साहेब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया, उस समय समाज में छुआछूत हावी था। ऐसे कठिन समय में एक दलित परिवार में पैदा होकर भी उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। कदम-कदम पर उन्हें कठिनाइयां झेलनी पड़ी लेकिन सभी बाधाओं से पार पाते हुए अनेक विषयों में पीएचडी एवं डिलिट आदि की उपाधि हासिल की। उन्होंने समाज को एक नई दिशा देने में अपने शिक्षा का उपयोग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माता ने दलित, शोषित, वंचित समाज और देश में वर्ण व्यवस्था के शिकार रहे सभी तबकों को जगाया। उन्होंने ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष’ करो का नारा दिया जो आज भी प्रासंगिक हैं। जब तक लोग शिक्षित नहीं बनेंगे, तब तक अपने अधिकार के प्रति जागरूक नहीं होंगे। इसी तरह जब तक लोग संगठित नहीं होंगे, अपनी आवाज बुलंद नहीं कर पायेंगे और जब तक संघर्ष नहीं करेंगे, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब नहीं होंगे। श्री कुमार ने संविधान निर्माण में बाबा साहेब के योगदान की चर्चा करते हुए संविधान बनाने के समय कई बड़े नेता थे लेकिन सभी ने बाबा साहेब अंबेडकर को ड्राफ्ट कमेटी का चेयरमैन बनाया। इतना ही नहीं संविधान सभा में बहस के दौरान बाबा साहेब ने एक-एक चीज को सभी के सामने रखा इसलिये उन्हें संविधान का निर्माता कहा जाता है। 


श्री कुमार ने कहा कि छुआछूत के कारण वंचित समाज के कितने लोग क्षमता होते हुए भी पीछे रह गये। यदि सब लोगों को समान अवसर मिले तो समाज का ज्ञान कितना बढ़ेगा, कितने लोग सामने आयेंगे। आज कुछ लोगों को भ्रम होता है कि वही सब जानते हैं, वही काबिल हैं, वही विद्वान हैं। ज्ञान, काबिलियत तो किसी के अंदर हो सकती है। हर इंसान में भगवान का वास है। बाबा साहेब ने इसे प्रमाणित किया था। सभी को आगे बढ़ने का अवसर मिले इसलिये संविधान में विशेष अवसर के सिद्धांत को अपनाया गया। संविधान में यह प्रावधान किया गया कि जो सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं, वैसे लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिये, उन्हें अवसर देने के लिये, सम्मान देने के लिये आरक्षण लागू किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश में सामाजिक न्याय के बुनियाद संविधान के कारण ही पड़ी है। राज्य सरकार उसी रास्ते पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में इसी सिद्धांत को अपनाया गया है, न्याय के साथ विकास। ऐसा विकास जिसमें सभी की भागीदारी हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि विकास का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को मिले। इसे देखते हुए ही नीति निर्धारण होना चाहिये, हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत यही है और उसी के आधार पर हमलोग आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। श्री कुमार ने कहा कि समाज के जितने भी वंचित तबके के लोग हैं, चाहे दलित समाज के हो या दलित समाज में भी हाशिये पर हैं महादलित समाज के हों, पिछड़ा वर्ग के हों, अति पिछड़ा वर्ग के हों, महिलाओं के लिये सरकार ने विशेष नीति बनायी है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि यदि आधी आबादी की ऊर्जा विकास में नहीं लगेगी तो देश का विकास कैसे होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों के विकास के लिये भी विशेष नीति बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि अनेक कदम उठाये गये हैं इसलिये आज हर तबके के लोग आगे आये हैं। सरकार की योजनाओं का लाभ सभी को मिले, इसका ध्यान रखा गया है। महागठबंधन सरकार ने सात निश्चय योजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया। इन योजनाओं के लिये भी प्राथमिकता तय की गयी है। श्री कुमार ने कहा कि राज्य में शराबबंदी से नई सामाजिक क्रांति का सूत्रपात हुआ है। शराबबंदी से आज सबके जीवन में नया उत्साह आया है। पहले हर शाम कोलाहल का माहौल रहता था, हर जगह का वातावरण बिगड़ा रहता था। आज शराबबंदी के पश्चात हर तरफ शांति का माहौल है। शराबबंदी के कारण लोगों के बच रहे पैसे से उनके जीवन स्तर में सुधार आ रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सभी तबके की भलाई एवं बेहतरी के लिये काम करती है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री समेत समारोह में उपस्थित अन्य विशिष्ठ अतिथियों ने बाबा साहेब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। 

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