मुंगेर/पटना 21 मई, नोटबंदी के बाद नकदी की कमी से त्राहिमाम की स्थिति झेल चुके लोगों में एक बार फिर करेंसी संकट होने से हाहाकार मच गया है। बिहार में मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, गया, औरंगाबाद, सहरसा, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया सहित लगभग सभी जिलों के मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों के राष्ट्रीयकृत बैंक, एटीएम और डाक घर रिजर्व बैंक की ओर से करेंसी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से इनदिनों गंभीर करेंसी संकट से जूझ रहे हैं। बैंक या एटीएम में करेंसी संकट के कारण जहां लोगों शादी-विवाह की तारीखें बदलने को मजबूर हैं वहीं सरकारी विकास योजनाओं के काम भी प्रभावित हो रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक की वरिष्ठ प्रबंधक ने बताया कि राजधानी पटना में करेंसी की कमी तो नहीं है लेकिन अन्य जिलों के स्थित उनके बैंक की शाखाओं में करेंसी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। अभी भी ग्राहकों को छोटे मूल्य जैसे 100, 50 और 10 रुपये के नोटों में भुगतान करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी तो स्थिति ऐसी हो जाती है कि उपभोक्ताओं को सिक्के भी देने पड़ते हैं। वहीं, एक सर्वेक्षण के अनुसार, मुंगेर जिले की 124 बैंक शाखाएं और 94 एटीएम गंभीर करेंसी संकट का सामना कर रहे है। न बैंकों में रूपये मिल रहें हैं और न ही एटीएम में। सार्वजनिक क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक की मुंगेर स्थित प्रधान शाखा के मुख्य महाप्रबंधक बी. के. मिश्रा ने बताया, “रिजर्व बैंक की ओर से स्टेट बैंक के करेंसी चेस्ट को मांग के अनुरूप नोटों की आपूर्ति नहीं होने से करेंसी संकट कायम है। हम जिले के प्रधान डाकघर को भी मांग के अनुरूप करेंसी की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं।
सोमवार, 22 मई 2017
बिहार : करेंसी संकट से एक बार फिर मचा हाहाकार
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