वृक्षांे से गिरे पत्तों को यदि किसी गढ़े में एकत्रित करके थोड़ा थोड़ा पानी डालते रहें तो बहुत उच्च श्रेणी की खाद बन जाती है परन्तु हरियाणा हो या दिल्ली सभी स्थानों पर सफाई कर्मचारी अधिकांशतः इन्हें एकत्रित करके जला देते हैं। इतना ही नहीं साथ में कूड़ा भी जलाते हैं जिससे हानिकारक गैस व धुआं वायु मंडल में फैलता है और यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है जब पार्कों के अन्दर इस प्रकार आग लगाई जाती है। सरकार द्वारा बार बार आदेश जारी करने के बावजूद सफाई कर्मचारी मान नहीं रहे हैं और न ही सम्बन्धित अधिकारी इस ओर ध्यान देते हैं बल्कि उनके संज्ञान में लाने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए ‘पर्यावरण-प्रेरणा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश गोयल ने मुख्यमन्त्री हरियाणा व मुख्यमन्त्री दिल्ली को पत्र लिखकर इस स्थिति को रोकने तथा लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्व कार्यवाही की मांग की है जिसकी प्रति नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को भी प्रेषित की है। उल्लेखनीय है कि उन्होंने गत वर्ष भी इसी प्रकार से कार्यवाही की थी। पर्यावरण व जल संरक्षण सम्बधी समस्याओं पर निरन्तर जन जागरुकता अभियान चला रहे श्री गोयल के नेतृत्व में पर्यावरण-प्रेरणा संस्था के तत्वावधान में गत दस वर्षों से अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए है। इस विषय में रूचि रखने वाले लोग संस्था से जुड़ते जा रहे हैं जिसके फलस्वरूप संस्था की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बन चुकी है। श्री गोयल द्वारा रचित ‘जल चालीसा‘ अब तक लाखों लोग पढ़ चुके हैं। पर्यावरण व जल संरक्षण को समर्पित प्रतिष्ठित आयकर व्यवसायी तथा वरिष्ठ नागरिक ‘‘जल स्टार अवार्ड‘‘, ‘‘डायमंड आफ इंडिया अवार्ड’‘,‘‘सोशल जस्टिस बैस्ट मैन अवार्ड’‘ तथा ‘‘जेम आफ इंडिया अवार्ड‘‘ के अतिरिक्त अनेक संस्थाओं से सम्मानित हो चुके हैं।
गुरुवार, 11 मई 2017
पत्ते और कूड़ा जलाते सफाई कर्मचारी
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