नयी दिल्ली 20 मई, विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने कहा है कि सीमा पार आतंकवाद के प्रमुख मुद्दे का समाधान किये बिना भारत के साथ बातचीत शुरू करने का पाकिस्तान का लगातार आग्रह शांति कायम करने से बचने का उसका बहाना हो सकता है और इस बात पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है। श्री अकबर ने भारत एवं विश्व शीर्षक से अंतरराष्ट्रीय मामलों पर प्रकाशित एक नयी पत्रिका का कल शाम विमाेचन करते हुए कहा,“ जब कोई शांति वार्ता का अनुरोध करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह देश शांति के लिए कह रहा है। इस फर्क को सावधानी से समझे जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा,“ क्या आप उस स्थिति के लिए बहाने के रूप में शांति चाहते हैं या शांति वार्ता करना चाहते हैं, जो पाखंड हो सकती है। हमारी प्रतिक्रिया इस व्यापक आकलन पर आधारित होगी कि अापका आशय क्या है। ” जून में अस्ताना में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच मुलाकात होने की अटकलों के मद्देनजर और भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान द्वारा फांसी की सजा देने पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बाद श्री अकबर की इस टिप्पणी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
रविवार, 21 मई 2017
पाकिस्तान का शांति वार्ता का आग्रह हो सकता है बहाना : अकबर
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