- कमलादित्य सूर्य मंदिर जाने वाली सडके आज भी उपंक्षित है, हजार साल वाद भी कच्ची सडक ही साधन
मधुबनी/अंधराठाढी (मोo आलम अंसारी ), इतिहास प्रसिद्ध कमलादित्य सूर्य मंदिर जाने बाली सडक अब तक उपेक्षित है। सदियो पुराना यह सूर्य मंदिर है। सरकार की पर्यटक स्थलो की सूची में चिन्हीत रहने के बाबजूद क्यो कर उपेक्षित है। यह एकचिन्ता की विय है। प्रखंड मुख्यालय से महज चार किलो मीटर की दूरी पर तीन पंचायतो क्रमशः अंधराठाढी उत्तर, अंधराठाढी दक्षिण एवं जलसेन पंचायत की सीमा पर अवस्थित है। सूर्य मंदिर पर जाने के लिये तीन ओर से सडके है। अंधराठाढी खोपा मुख्य पथ में ठाढी मिश्राईन पोखर के नीकट से कमलादित्य सूर्य मंदिर तक जाती है। जमैला और पलार गांव से भी कच्ची सडक मिलती है। सभी आने जाने बाली सडके कच्ची है। अंधरा चौक से अंधरा गांव तक खरंजा है। अंधरा गाय ओलार से कमला दित्य सूर्य मंदिर तक दो चक्का बाहन से भी पहुंचना मुश्कील होता है। नदी के नजदीक रहने के वजह से सडके पर बालू की मोटी परते जम रहती है। वाईक व साईकिल चालक सफर करते समय फिसलते रहते है। कमला दित्य सूर्य मंदिर तक जाने के लिये पैपाइदल ही एक सहारा है। अव तक सरकारी योजना के नाम पर पूर्व मंत्री नीतिश मिश्रा ने एक यात्री सेड का निर्माण कराया है। ग्राम पंचायत के मुखिया ने सोलर लाईट चापाकल मुहैया किये है। प्राचीन सूर्य मंदिर के जगह भव्य सूर्य का निर्माण कराया गया । सडक की दुर्दसा के कारण श्रद्धालुओ के पहुचने में काफी दिक्कते होती है। इस सडक के सुधारी करन की दरकार है। कहती है मुखिया बीण देवी नम पूछने पर वताया कि मनरेगा योजना के तहत आम सभा से यह सडके स्वीकृत हैं। जल्द ही इस सडक पर मिटटी एवं खरंजा करण कार्य कराया जायेगा ।
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