पंजाब में 60 फीसदी सिख युवा नशे के शिकार : मंड - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 19 जून 2017

पंजाब में 60 फीसदी सिख युवा नशे के शिकार : मंड

60-percent-of-youth-in-punjab-are-drug-addicted
जालंधर 19 जून, सरबत खालसा द्वारा नियुक्त शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक समिति के कार्यकारी प्रधान ध्यान सिंह मंड ने कहा कि एसजीपीसी द्वारा गुरूद्वारों के कुप्रबंध और उचित धार्मिक दिशा निर्देशों के अभाव में 60 फीसदी सिख युवा नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं। गुरूद्वारों के प्रबंध को सुधारने के लिए आज ‘गुरूद्वारा प्रबंध सुधार लहर ’ की शुरूआत करते हुए श्री मंड ने कहा कि एसजीपीसी तथा पंजाब सरकार राज्य में श्री गुरूग्रंथ साहिब की हो रही बेअदवी की घटनाओं को रोकने में असफल रहीं हैं। उन्होने कहा कि बेअदवी के संबंध में जितनें भी रोष प्रदर्शन हुए हैं उनमें से किसी में भी एसजीपीसी ने हिस्सा नहीं लिया। उन्होने कहा कि श्री अकाल तख्त के पांच तख्तों के जत्थेदारों ने बेअदवी की घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। श्री मंड ने कहा कि दरबार साहिब में चढ़ने वाले चढ़ावे का दुरूपयोग हो रहा है। मौजूदा एसजीपीसी ने दलितों को प्रबंधन में कोई स्थान नहीं दिया है। उन्होने कहा कि गुरूद्वारों के प्रबंध बिगड़ चुके हैं जिसे सुधारने के लिए पूरे राज्य में एक लहर चलाई जाएगी जिसके तहत जिला स्तर पर बैठकें की जाएंगी। उन्होने कहा कि गुरूद्वारा प्रबंध सुधार लहर का मुख्य उदेश्य अमृत संचार करना, नशे को रोकना, गुरूद्वारा प्रबंधन में दलितों को उचित प्रतिनिधित्व देना और दान दहेज प्रथा को खतम करने जैसे मुदों पर विचार चर्चा की जाएगी। 

श्री मंड ने कहा कि पंजाब में पूर्व की अकाली दल-भाातीय जनता पार्टी गठबंधन की सरकार ने किसी भी घटना में इंसाफ देने की कोशिश नहीं की। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्दर सिंह ने भी सत्ता में आने से पहले वायदा किया था कि सरकार बनने पर सबसे पहले बेअदवी के दोषियों को पकड़ कर सजा दी जाएगी लेकिन अफसोस है कि सरकार बनने के चार महीने गुजर जाने पर भी अभी तक इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया है। उन्होने कहा कि इसीलिए हम अपनी सुधार लहर शुरू कर रहे हैं ताकि किसी भी धर्म के धार्मिक ग्रंथ का अपमान ना हो। उन्होंने कहा कि लहर के पहले चरण में समूचे ग्रंथियों और पाठियों से बैठक कर उनकी समस्याएं सूनी जाएंगी तथा उनकी मुश्किलों को सुधारने के लिए प्रयास किया जाएगा। उन्होने बताया कि लहर की पहली बैठक 22 जून को फिरोजपुर, 24 को मोगा, 26 जून को बठिंडा, 28 जून को पटियाला, छह जुलाई को फतेहगढ़ साहिब, सात जुलाई को मोहाली, आठ को चंडीगढ़, नौ जुलाई को संगरूर, 10 को अमृतसर, 12 को तरनतारन, 13 को गुरदासपुर, 15 को बरनाला, 18 को लुधियाना, 19 को जालंधर, 20 को होशियारपुर, 21 को मुक्तसर, 22 को पठानकोट, 24 को फरीदकोट, 28 को मानसा, 29 को फाजिलका, 31 को कपूरथला और एक अगस्त को नवांशहर में होगी। लहर के दूसरे चरण में राजनीतिक नेताओं, धार्मिक प्रचारकों, संतों तथा सत्कार समितियों के साथ बैठकें की जाएंगी।  

कोई टिप्पणी नहीं: