नयी दिल्ली 29 जून, आजादी के बाद देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार ‘एक राष्ट्र-एक कर’ की अवधारणा पर आधारित ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आखिरकार 01 जुलाई 2017 से लागू हो रहा है, संसद के केन्द्रीय कक्ष में शुक्रवार की आधी रात आयोजित हो रहे एक समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घंटा बजाकर देश में जीएसटी लागू होने का ऐलान करेंगे जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित कई दलों ने समारोह में भाग नहीं लेने का ऐलान किया है। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, विक्रय कर, चुंगी कर, वैट जैसे कई अप्रत्यक्ष करों को मिलाकर जीएसटी बनाया गया है और इसके लागू होने पर लगभग अधिकांश अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जायेंगे और वस्तुओं का एक राज्य से दूसरे राज्य में निर्बाध प्रवेश शुरू हो जायेगा। हालाँकि, सरकार कह रही है कि इससे लागू होने के बाद महंगाई नहीं बढ़ेगी और इसका अनुपालना सरल होगा लेकिन कुछ विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि इसके लिए अभी तैयारियाँ पूरी नहीं हैं और कारोबारी भी इसके लिए तैयार नहीं हैं। जीएसटी का प्रारंभ में तत्कालीन विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ही कड़ा विरोध किया था, लेकिन अब उसका कहना है कि इसके लिए राज्यों के बीच आम सहमति बनायी गयी है और लगभग सभी राज्य तैयार हैं। मोदी सरकार द्वारा जीएसटी के लिए प्रयास किये जाने पर कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया था। हालाँकि, अंतत: जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया जिससे इसके लागू होने का मार्ग प्रशस्त हो सका। केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड जीएसटी को लेकर कारोबारियों में जागरूकता पैदा करने और उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। सरकार के सभी मंत्री अलग-अलग क्षेत्रों में आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में जीएसटी के फायदे बता रहे हैं जबकि कपड़ा और फर्नीचर व्यापारियों के साथ ही कई कारोबारी संगठनों ने इसके विरोध में कारोबार बंद रखा है। उद्योग संगठन एसोचैम ने जीएसटी के लिए कारोबारियों के पूरी तरह से तैयार नहीं होने का हवाला देते हुये सरकार से इसको लागू करने की तिथि एक महीने आगे बढ़ाने की अपील की थी।
शुक्रवार, 30 जून 2017
आधी रात से लागू होगा जीएसटी
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