नयी दिल्ली 10 जून, भारत ने खाड़ी देशों के संकट पर अपना रुख साफ करते हुए आज कहा कि वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिए सबसे बड़े खतरे- अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, मज़हबी कट्टरवाद से मानवता को बचाने के लिये सभी देश मिलजुल कर आपसी मतभेद सुलझायें। विदेश मंत्रालय ने यहां जारी एक बयान में यह भी कहा कि खाड़ी क्षेत्र में रहने वाले तकरीबन 80 लाख प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा को लेकर वह इन देशों के साथ सतत संपर्क में हैं। बयान में कहा गया कि भारत खाड़ी में सऊदी अरब एवं अन्य देशों द्वारा कतर से कूटनीतिक संबंध तोड़ लेने के हाल के निर्णय से उत्पन्न स्थिति पर पैनी नज़र रखे है। हमारा मानना है कि सभी पक्षों को अपने मतभेदों को रचनात्मक बातचीत के माध्यम से परस्पर सम्मान एवं संप्रभुता सुनिश्चित करने और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करने की अंतर्राष्ट्रीय परिपाटी के आधार पर सुलझाना चाहिये। भारत मानता है कि खाड़ी में शांति एवं सुरक्षा क्षेत्रीय प्रगति एवं समृद्धि के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद और मज़हबी असहिष्णुता ने ना केवल क्षेत्रीय स्थिरता को बल्कि वैश्विक शांति एवं व्यवस्था के लिये गंभीर खतरा पेश किया है और इससे सभी देशों को समन्वित एवं व्यापक स्वरूप से लड़ना होगा। भारत के खाड़ी देशों के साथ लंबे अरसे से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। 80 लाख से अधिक भारतीय कामगार उन देशों में रहते हैं और उन देशों में क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता से हमारे हित भी जुड़े हैं। इस संबंध में सरकार पूरी स्थिति पर पैनी नज़र रखे हुए है और इन देशों के सतत संपर्क में हैं। इन देशों की सरकारों ने भारतीय समुदाय की कुशलता को लेकर सहयोग का आश्वासन दिया है। बयान में यह भी कहा गया कि इन देशों में रहने वाले भारतीय कामगारों को सलाह दी गयी है कि वे जरूरत पड़ने पर निकटतम भारतीय राजदूतावास या वाणिज्य दूतावास से संपर्क करें।
रविवार, 11 जून 2017
खाड़ी के देश बातचीत से मतभेद सुलझायें : भारत
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