किसानों की समस्याओं को अनदेखी कर रही केन्द्र व राज्य की सरकारें : हन्नान मौला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 10 जून 2017

किसानों की समस्याओं को अनदेखी कर रही केन्द्र व राज्य की सरकारें : हन्नान मौला

  • काॅरपोरेट घरानों के लिये सीएनटी/एसपीटी एक्ट में संशोधन का प्रयास सफल नहीं होगा। सरकार किसानों से धान खरीद का उचित मूल्य नहीं दे रही। साम्प्रदायिक उन्माद फैलाकर सरकार सूबे की व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करना चाहती है। गौरक्षा के नाम पर लोगों को मारा-पीटा जा रहा है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश से लेकर दक्षिण के राज्यों में सरकारी ऋण माफी को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों के आन्दोलन से साग-शब्जियों की महंगाई आसमना तक पहुँच गई है। 





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दुमका (अमरेन्द्र सुमन), किसानों की समस्याओं के मद्देनजर देश के अलग-अलग राज्यों में लगातार हो रहे धरना-प्रदर्शन व आन्दोलन के बाद भी केन्द्र व विभिन्न राज्यों की भाजपा सरकारों ने अब तक कोई कदम नहीं उठायी है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश से लेकर दक्षिण के राज्यों में सरकारी ऋण माफी को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। पूरे भारतवर्ष के किसान केन्द्र व राज्य सरकारों के विरुद्ध एकजूट होते जा रहे हैं। इंडोर स्टेडियम, दुमका में दो दिवसीय झारखण्ड राज्य किसान सभा के छठे राज्य सम्मेलन के पहले दिन (शनिवार) वक्ताओं ने अपना-अपना विचार रखते हुए उपरोक्त बातें कही। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव काॅ0 हन्नान मौला सहित उपाध्यक्ष काॅ0 मदन घोष, संयुक्त सचिव काॅ0 बीजू कृष्णन, अभाकिस के झारखण्ड राज्य के अध्यक्ष काॅ0 राजेन्द्र सिंह मुण्डा, महासचिव काॅ0 सुरजीत सिन्हा, प्रफुल्ल लिंडा ने केन्द्र व झारखण्ड की वर्तमान सरकार को किसान विरोधी बतलाया। इस अवसर पर काॅ0 हन्नान मौला ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले दिनों वहाँ की सरकार ने कई किसानों को मरवा दिया। वक्ताओं ने कहा झारखण्ड में काॅरपोरेट घरानों के लिये सीएनटी/एसपीटी एक्ट में संशोधन का प्रयास कभी सफल नहीं होगा। सरकार किसानों से धान खरीद का उचित मूल्य नहीं दे रही। साम्प्रदायिक उन्माद फैलाकर सरकार सूबे की व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करना चाहती है। गौरक्षा के नाम पर लोगों को मारा-पीटा जा रहा है। कई स्थानों पर हत्याएँ तक कर दी जा रही हैं। कृषि ऋण की माफी, बिजली बिल माफी व कृषि में सरकारी पूँजी निवेश से अपना हाथ खींच रही है। इस अवसर पर काॅ0 एहतेशाम अहमद ने कहा धोबाचापड़ जैसे पहाड़िया ग्रामों में पेयजलापूर्ति की भारी कमी से लोगांें को प्रतिदिन दो-चार होना पड़ रहा है। किसानों की जमीन लूटने का प्रयास किया जा रहा है। रेड काॅर्पेट बिछाकर झारखण्ड की सरकार ने मोंमंेटम झारखण्ड के नाम पर झारखण्ड की खनिज सम्पदा विदेशी व काॅरपोरेट घरानों के बीच बाँट देना चाहती है। इस अवसर पर काॅ0 अखिलेश कुमार झा (राज्य महामंत्री, झा0 परि0 मजदूर यूनियन) काॅ0 गजेन्द्र कुमार, ढेना हेम्ब्रम, पीटर हेम्ब्रम, इत्यादि मौजूद थे। झारखण्ड राज्य किसान सभा के इस दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन संताल परगना प्रमण्डल के तमाम छः जिलों से लोग दुमका पहुँचे थे। 

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