केन्द्र की मोदी सरकार पिछले तीन वर्षों में हर मोर्चे पर रही विफल-प्रदेश प्रवक्ता व प्रदेश महामंत्री - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 23 जून 2017

केन्द्र की मोदी सरकार पिछले तीन वर्षों में हर मोर्चे पर रही विफल-प्रदेश प्रवक्ता व प्रदेश महामंत्री

केन्द्र मंे मोदी सरकार के आने से इस देश का विकास पूरी तरह हो गया है ठप्प। पिछले तीन वर्षों में हर मोर्चे पर विफल रही केन्द्र की भाजपा सरकार। वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में प्रति वर्ष देश के दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात पीएम मोदी ने कही थी, स्थिति इन दिनों ठीक इसके विपरित है। प्रति वर्ष इस देश में दो करोड़ लोग बेरोजगार हो रहे हैं।



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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) झारखण्ड प्रदेश काॅग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद व महामंत्री डा0 राजेश गुप्ता ने ’’झूठे वादे झूठे बोल, भाजपा शासन की खुल गई पोल’’ के तहत दिन मंगलवार को सर्किट हाउस, दुमका में संयुक्त रुप से प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि किसान विरोधी केन्द्र की मोदी सरकार पिछले तीन वर्षों में हर मोर्चे पर विफल रही। किसानों को उनकी उपज की लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम एमएसपी तय करेगी के वादे करने वाली  केन्द्र की सरकार अपने वादे से मुकर गई। जिलाध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह, मनोज अम्बष्ट, महेश राम चन्द्रवंशी, संजीत कुमार सिंह, डा0 सुशील मराण्डी व प्रेम कुमार साह की मौजूदगी में प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि काॅग्रेस के दस वर्षों के कार्यकाल में गेहूँ में 14 प्रतिशत, अरहर में 22 प्रतिशत, मूँगदाल में 23 प्रतिशत व पैडी क्राॅप में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी किन्तु वष्र 2014 से 2017 तक की बात करें तो गेहूँ में 4 प्रतिशत, अरहर में 6 प्रतिशत, मूँगदाल में 5 प्रतिशत व पैडी में मात्र 4 प्रतिशत की वृद्धि ही दर्ज की गई। यूपीए सरकार में सलाना वार्षिक दर जहाँ एक ओर 15 प्रतिशत थी वहीं दूसरी ओर एनडीए के शासन काल में तीन वर्षों में सालाना वार्षिक व्यय मात्र 4 प्रतिशत ही रह गया। प्रवक्ता राजीव रंजन सिन्हा ने एनडीए के तीन वर्षों की पूरी जानकारी से अवगत कराते हुए कहा कि यूपीए सरकार में धान क्रय का सरकारी मूल्य 590 रुपये था जो बढ़ाकर 1, 400 रुपया कर दिया गया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मोदी जी ने वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में प्रति वर्ष देश के दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी किन्तु स्थिति बिल्कुल इसके उलट है। प्रति वर्ष इस देश में दो करोड़ लोग बेरोजगार हो रहे हैं। तीन वर्षों के कार्यकाल में मोदी सरकार ने उत्पादन, व्यापार, कंस्ट्रक्शन्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन व अन्य क्षेत्रों में मात्र 15.1 लाख नौकरियाँ ही सृजित कर पायी जो पहले के तीन वर्षों की तुलना में 39 प्रतिशत कम है। वर्ष 2012-13 में पीएम रोजगार सृजन के तहत 4 लाख 28 हजार नौकरियाँ दी गई जबकि वर्ष 2015-16 में मात्र 3 लाख 23 हजार ही रहीं। वर्ष 2015 से वर्ष 2016 तक (दो वर्षों) में मात्र 3.68 लाख रोजगार का सृजन किया गया जबकि वर्ष 2012 व 2013 में 7.41 लाख रोजगार का सृजन किया गया था। वर्ष 2015-16 में कैम्पस जाॅब आॅफर 79 प्रतिशत था जो वर्ष 2016-17 में गिरकर 66 प्रतिशत हो गया। एक वर्ष में इस तरह 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गईं। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रहमन्यम ने कहा था कि देश की तेज आर्थिक वृद्धि दर के वर्षों में आईटी, कन्स्ट्रक्शन्स, कृषि कठिनाईयों के दौर से गुजर रहे हैं। वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक तेज आर्थिक वृद्धि का दौर था। इन वर्षों में सालाना वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा 6 करोड किसान सहित 2 करोड़ भूमिहीनों के लिये कृषि आजीविका का मुख्य साधन है। साढे तीन करोड़ लोगों को  कन्स्ट्रक्शन्स में रोजगार प्राप्त होता है। 37 लाख लोग आईटी सेक्टर से जुड़े होते हैं। आज उपरोक्त कठिनाईयों के दौर से गुजर रहे हैं। प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि 7 प्रतिशत की वृद्धि दर से देश के आगे बढ़ने का दावा मोदी सरकार करती है किन्तु सच्चाई यह है कि रोजगार के क्षेत्र में मात्र एक प्रतिशत की वृद्धि ही दर्ज हो पायी है। वर्ष 2016-17 में जीडीपी 8 प्रतिशत से गिरकर 7.1 प्रतिशत ही रह गई है। बैंकों में ऋण उठाव की स्थिति भयावह है। 30 सितम्बर 2016 को क्रेडिट ग्रोथ की दर 12.1 प्रतिशत थी जो घटकर 5.4 प्रतिशत पर आकर ठहर गई है। वर्ष 2014-15 में एनपीए 2.67 लाख करोड़ था जो दिसम्बर 2016 में बढ़कर 6.06 लाख करोड़ हो गया। वर्ष 2016-17 में 2.4 प्रतिशत निजी निवेश सूचक रह गया। प्रदेश महामंत्री डा0 राजेश गुप्ता ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में शिक्षा का स्तर काफी बदहाल रहा। शिक्षा पर सेस से इन वर्षों में भाजपा सरकार ने 1, 32, 649 करोड़ रुपये जमा किये । इन पैसों को पारदर्शी तरीके से खर्च नहीं किया गया।  कैग की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है। देश भर में 5 लाख से अधिक शिक्षकों का पद रिक्त है। मीड डे मील योजना के लिये आधार को अनिवार्य बना दिया गया है किन्तु इससे 14 करोड़ बच्चे प्रभावित हो जाऐंगे। यूजीसी बजट में 55 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। वर्ष 2015-16 में इस मद में 9315 करोड़ रुपये का प्रावधान था जो घटकर वर्ष 2016-17 के लिये 4286 करोड़ रुपये ही रह गई है। यूजीसी से विवि को दी जाने वाली फंडिेंग सौ प्रतिशत से घटाकर सत्तर प्रतिशत कर दी गई। केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में 6080, एनआईटीएस में 3183, आईआईटीएस में 2671 व  आईआईएमएस में 212 पद रिक्त पड़े हुए हैं। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिये एक हजार करोड़ रुपये के निर्भया फंड का उपयोग नहीं हो रहा। रेप पीड़िताओं की मदद के लिये स्थापित 660 वन स्टाॅप सेंटरों में से 640 की स्थापना ही नहीं हो सकी है। राजस्थान व हरियाणा में महिलाओं के लिये शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य करके 75 प्रतिशत महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। उपरोक्त ने कहा जब से मोदी सरकार केन्द्र मंे आयी है इस देश का विकास पूरी तरह ठप्प हो गया है। सरकार विज्ञापनों के माध्यम से व प्रचार-प्रसार कर भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो किन्तु हकीकत यह है कि केन्द्र की मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। 

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