हो गया उद्भेदन, घर में ही नैन्सी की ह्त्या की गई और हत्यारा परिवार निकला जिसने इन्साफ के लिए खूब रंगरेलियां मनाई!! जी हाँ जस्टिस फॉर नैन्सी नामक रंगरेलियां जिसने मधुबनी को फिर से बदनाम करने की साजिश रची ! ये मधुबनी का दुर्भाग्य ही है कि फिर से लगभग वही कहानी दुहराई जा रही थी जिसमें मधुबनी को जला दिया गया था, बस इस बार मधुबनी मीडिया ने हवा के झरोखे में नहीं स्थिति को आंकलन कर सच के करीब पहुँचने में समय लगाया और इस रंगरेली का टारगेट बनते हुए भी मधुबनी को झुलसाने वालों के साथ होने से इनकार कर दिया !!
नैंसी की ह्त्या पर से पर्दा उठ कर कांड भले ही घर की चाहरदीवारी को रक्त रंजित किया हो मगर इसके साथ उन सभी के पोल भी खुले जिसने नैंसी के बहाने राजनितिक महत्वाकांक्षा पर जिले के आवाम को चढ़ाना शुरू कर दिया था, इस लौ की लपट दिल्ली तक उठी और दिल्ली तक की गैरजिम्मेदार मीडिया ने इन्ही अफवाहों के बजारुओं के बूते भ्रामक खबर के सहारे पहुच बनाने की कोशिश की, ABP न्यूज़ ने तो पराकाष्ठा ही कर दी जब सनसनी में बतौर सनसनी बना कर इस भ्रम पर मुहर लगाने की कोशिश की.
वेब मीडिया को धन्यवाद केवल इस लिए दिया जा सकता है कि उसकी पहल और आक्रामक पत्रकारिता ने जांच में तेजी लाने को जिला पुलिस को बाध्य किया और आनन् फानन में SIT का गठन और झंझारपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी निधि रानी की कुशलता ने पुरे मामले की एक एक परत खोल कर रख दी. गुनाहगारों ने अपना गुनाह कबूल किया है और अब बारी है उन गुनाहगारों की जिसने मधुबनी को बदनाम करने के लिए भ्रामकता का सहारा लिया, अब वो भी अपनी माटी से माफ़ी मांगे और गुनाहगार को कड़ी सजा दिलवाने के लिए पहल करें
---रजनीश के झा---
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