पटना 11 जून, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य ने बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार को अपवित्र और असफल गठबंधन करार देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज चुनौती दी कि यदि उन्हें (श्री कुमार) प्रदेश में किये गये अपने बेहतर कार्य पर भरोसा है तो विधानसभा को भंग कर चुनाव करायें। श्री मौर्य ने यहां केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर पार्टी की ओर से आयोजित ‘सबका साथ, सबका विकास’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन की सरकार अबतक असफल साबित हो चुकी है जिसे उखाड़ फेकने के लिये प्रदेश के लोग तैयार बैठे हैं। मुख्यमंत्री श्री कुमार को यदि अपने किये गये बेहतर कार्य पर इतना ही भरोसा है तो उन्हें वर्ष 2020 की प्रतीक्षा नहीं कर तत्काल विधानसभा को भंग कर चुनाव मैदान में आना चाहिए। उप मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ महागठबंधन को अपवित्र और असफल गठबंधन बताते हुए कहा कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली ठीक उसी तरह से बिहार में भी यदि चुनाव हुआ तो उनकी पार्टी आपार बहुमत से जीत दर्ज करेगी । केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के लिये मिल रही राशि को नीतीश सरकार खर्च नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह की स्थिति उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी(सपा) के कार्यकाल में बनी हुयी थी।
श्री मौर्य ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र पर काम कर रही है और सभी लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है । किसानों और नौजवानों की बेहतरी के लिये पैसे दिये जा रहे हैं जिसका बिहार सरकार उपयोग नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार की तरह ही उत्तर प्रदेश की तत्कालीन अखिलेश सरकार की भी कार्यशैली थी ।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के सभी राज्यों का समान रूप से विकास करना चाहते हैं। गरीबों की खुशहाली चाहते हैं जो मुख्यमंत्री श्री कुमार तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम क्या हुआ यह किसी से छुपा हुआ नहीं है।
श्री मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2014 में हुए लोकसभा के चुनाव में पार्टी को एतिहासिक सफलता मिली थी।
लोकसभा चुनाव के समय लोगों की नजरें उत्तर प्रदेश और बिहार पर टिकी थीं लेकिन उत्तर प्रदेश में पार्टी को 73 सीटों पर जहां विजय मिली वहीं बिहार में भी आपार सफलता मिली । उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार ने भाजपा को चुनाव में दरकिनार करने के लिये हर तरह का हथकंडा अपनाया था और इसके बावजूद जनता की इच्छा के आगे एक नहीं चल सकी । उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में पार्टी उत्तर प्रदेश में सभी 80 तथा बिहार में भी 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
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