पटना 21, भाकपा- माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रपति के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का नीतीश कुमार द्वारा समर्थन किया जाना बिहार जनादेश 2105 का घोर अपमान है. नीतीश कुमार को भाजपा की सांप्रदायिक नीतियों के खिलाफ गरीबों ने वोट किया था, लेकिन आज वे उससे विश्वासघात करते हुए एक बार फिर से भाजपा से अपनी पुरानी यारी निभाने में लग गए हैं. हमारी पार्टी नीतीश कुमार के इस अवसरवादी रुख की कड़ी भत्र्सना करती है. उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ आज भाजपा और आरएसएस ने पूरे देश में दलितों-अल्पसंख्यकों के खिलाफ सांप्रदायिक-सामंती दमन-उत्पीड़न का अभियान छेड़ रखा है, तो दूसरी ओर वह एक दलित को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाकर इस दमन-उत्पीड़न की आग को कमजोर करने की कोशिश करने में भी लगी हुई है. रामनाथ कोविंद भले दलित समुदाय से आते हों, लेकिन वे भाजपा-आरएसएस की दलित विरोधी नीतियों के ही प्रवर्तक रहे हैं. रोहित वेमुला, ऊना से लेकर हाल -फिलहाल में यूपी में दलित उत्पीड़न और यहां तक कि बिहार में भी हो रहे दलित उत्पीड़न की घटनाओं पर उन्होंने एक शब्द तक नहीं बोला है. इससे साफ जाहिर होता है कि रामनाथ कोविंद दलित समुदाय के हितैषी नहीं रहे हैं. माले राज्य सचिव ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी ने महात्मा गांधी के प्रपौत्र गोपाल कृष्ण गांधी का नाम राष्ट्रपति के उम्मीदवार के बतौर प्रस्तावित किया है. भाजपा व आरएसएस द्वारा तमाम संवैधानिक पदों को हड़प लेने की साजिशों-कोशिशों के खिलाफ गोपाल कृष्ण गांधी राष्ट्रपति के सबसे बेहतर उम्मीदवार हो सकते हैं.
बुधवार, 21 जून 2017
नीतीश ने निभाई पुरानी यारी, बिहार जनादेश का किया अपमान : कुणाल
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