श्रीहरिकोटा, 05 जून, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अपने सबसे भारी और शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 के जरिये भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-19 का आज आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया, राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी, उपराष्ट्रपति मोहम्मद अंसारी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी तकनीक से निर्मित प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क-3 के जरिए भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-19 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किये जाने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा है कि इस सफलता से देश का गौरव बढ़ा है। जीसैट-19 उपग्रह को स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) अहमदाबाद में बनाया गया है। जीसैट-19 को पहली बार भारत में बनी लीथियम आयन बैटरियों से संचालित किया गया है। आज अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित 41 भारतीय उपग्रहों में से 13 संचार उपग्रह हैं। संचार उपग्रह जीसैट-19 के सफल प्रक्षेपण के बाद इंटरनेट की गति में बेतहाशा वृद्धि हो जाएगी। यह प्रति सेकेंड चार गीगाबाइट डेटा देने में सक्षम होगा और इसकी कार्यावधि 15 वर्ष होगी। श्री मुखर्जी ने इसरो के अध्यक्ष ए एस किरणकुमार को भेजे सन्देश में कहा है कि वह जीएसएलवी-3 के जरिए जीसैट-19 उपग्रह के ऐतिहासिक एवं सफल प्रक्षेपण के लिए उन्हें और उनकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई देते हैं। श्री अंसारी ने यान के सफल प्रक्षेपण के लिए इसराे के वैज्ञानिकों,इंजीनियरों और तकनीशियनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सफलता मानवता की बेहतरी के लिए अंतरिक्ष में खोजों की संभावनाओं के नए द्वार खोलेगी। त्रुटिहीन प्रक्षेपण ने एक बार फिर से अंतरिक्ष विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं का नायाब प्रदर्शन किया है। श्री मोदी ने ट्वीट करके कहा कि इस मिशन की सफलता से भारत अगली पीढी के प्रक्षेपण यान और उप्रग्रह क्षमता के करीब पहुंच गया है। इससे देश आज गौरव बढ़ा है। वह इसरो के समर्पित वैज्ञानिकों को बधाई देते हैं।
सोमवार, 5 जून 2017
जीसैट-19 का सफल प्रक्षेपण. प्रणव,अंसारी, मोदी ने दी बधाई
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