नयी दिल्ली, 22 जून, विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव में तीन कारणों से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया। ये तीन कारण हैं उनकी जाति, उनका राज्य और उनकी पार्टी। राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को लेकर विपक्ष में दरार आने के बाद विपक्ष ने कांग्रेस की मीरा कुमार को अपना प्रत्याशी चुना ताकि जद :यू: को अपने पाले में फिर से लाया जा सके और बसपा अलग नहीं हो। जद :यू: ने कल कहा था कि वह कोविंद का समर्थन करेगी जबकि बसपा ने कहा था कि वह किसी दलित की उम्मीदवारी को लेकर नकारात्मक रख नहीं अपनाएगी, जब राजग ने इस सप्ताह की शुरूआत में उत्तर प्रदेश के एक दलित कोविंद को राष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी। बसपा ने आज विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन किया। उसने कहा कि मीरा कुमार कोविंद की तुलना में अधिक सक्षम और लोकप्रिय हैं। 17 विपक्षी पाटर्यिों की आज हुई बैठक में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कुमार, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और योजना आयोग के पूर्व सदस्य भालचंद्र मुंगेकर का नाम प्रस्तावित किया। एक वाम दल के सूत्र ने बताया, राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कुमार की वकालत की। दो बातें उनके पक्ष में गईं। एक तो वह कांग्रेस की हैं और उनका चयन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया। सूत्रों ने बताया कि दूसरा तथ्य कि वह बिहार की बेटी हैं और यह नीतीश कुमार को कोविंद का समर्थन करने के अपने फैसले पर पुनवर्चिार करने को बाध्य करेगा। कोविंद पड़ोसी उत्तर प्रदेश से आते हैं। तीसरी बात यह कि वह दलित हैं और उनकी शानदार राजनैतिक पृष्ठभूमि रही है। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में लालू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर अपना मन बदलने की अपील की और कहा कि वह पटना में मुख्यमंत्री से इस बारे में बातचीत करेंगे। लालू ने कहा मैं नीतीश कुमार से मिलूंगा और उनसे राजग उम्मीदवार को समर्थन देने के उनके फैसले को बदलने का अनुरोध करूंगा। मैं उनसे कहूंगा कि वह ऐतिहासिक भूल नहीं करें। मैं उनसे दोबारा सोचने को कहूंगा
शुक्रवार, 23 जून 2017
मीरा कुमार को चुने जाने के तीन कारण
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