तृणमूल कांग्रेस जीएसटी के जलसे में शिरकत नहीं करेगी : ममता - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 29 जून 2017

तृणमूल कांग्रेस जीएसटी के जलसे में शिरकत नहीं करेगी : ममता

trinamool-congress-will-not-participate-in-gst-s-celebration-mamata
कोलकाता 28 जून, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के जलसे में भाग नहीं लेने की घोषणा की है। देश में आर्थिक सुधारों की दिशा में सबसे बड़े कदम के रूप में देखे जा रहे जीएसटी की शुरूअात सरकार 30 जून की आधी रात को बड़े भव्य ढंग से करने जा रही है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत उनके मंत्रिमंडल के सदस्य और अन्य गणमान्य लोग संसद भवन में विशेष समारोह में घंटा बजाकर इसकी शुरूआत करेंगे । सुश्री बनर्जी ने आज अपने फेसबुक वाॅल पर तृणमूल कांग्रेस के जीएसटी समारोह में शामिल नहीं होने की घोषणा करते हुए लिखा है “हम नयी कर व्यवस्था के क्रियान्वयन को लेकर बहुत चिंतित है । नोटबंदी के बाद सरकार फिर एक बार अनावश्यक रूप से बड़ी गलती करने की जल्दबाजी में है।” उन्होंने लिखा है कि तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही जीएसटी के पक्ष में है, किन्तु मोदी सरकार जिस तरीके से अब इसे लागू करने की हड़बड़ी में है उसे लेकर वह बहुत चिंतित है। मुख्यमंत्री ने लिखा है “हमने बार-बार जीएसटी के उचित तरीके से क्रियान्वयन के लिये कुछ और समय का सुझाव दिया, लेकिन सरकार कान बंद किये बैठी है। पूरा कारोबारी समुदाय - विशेषकर लघु एवं मध्यम व्यापारी - इसे लेकर दुविधा में हैं। जीएसटी लागू करने में अब मुश्किल से 60 घंटे का समय बचा है, लेकिन जिस तैयारी के साथ सरकार इसे शुरू करने जा रही है कोई भी यह नहीं जानता कि आगे क्या होगा।” उन्होंने लिखा है कि स्पष्टता के अभाव और कुप्रबंधन की वजह से दवाइयाँ और आवश्यक जिंसे कई जगहों पर उपलब्ध नहीं है। विभिन्न वस्तुओं के दाम बढ़े हैं। हमारी पार्टी देश के संघीय ढाँचे की महत्ता बनाये रखने के लिये हमेशा संघर्ष करती रही है और जीएसटी परिषद में भी केवल हमने आवाज उठायी। केन्द्र में मौजूदा सत्तारूढ पार्टी सात वर्ष तक जीएसटी का खुलकर विरोध करती रही और सत्ता में आते ही अचानक वाह-वाही के लिये जीएसटी लागू करने पर उतारू हो गयी। हमारा कहना है कि वर्तमान में अर्थव्यवस्था 01 जुलाई से जीएसटी के लिये तैयार नहीं है। कपड़ा उद्योग ने तीन दिन की हड़ताल की है जो जीएसटी लागू करने की आधी-अधूरी तैयारियों के प्रति हमारी चिंता का सबूत है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छोटे कारोबारी जीएसटी को लेकर अभी तैयार नहीं हैं और उनके पास मूलभूत जरूरतें भी नहीं हैं। रिटर्न फाॅर्म को भी पहले छह महीने के लिये सरलीकृत बनाया जाना चाहिये क्योंकि अभी सभी तैयारियाँ पूरी नहीं हैं। पूरी तैयारी के बिना जीएसटी लागू करने से अफरा-तफरी की स्थिति के लिये सरकार जिम्मेवार होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार लोगों और कारोबारियों की बातों पर ध्यान देगी ।

कोई टिप्पणी नहीं: