बिहार में नये कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की योजना अधर में लटकी : नंदकिशोर यादव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 18 जुलाई 2017

बिहार में नये कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की योजना अधर में लटकी : नंदकिशोर यादव

agriculture-center-pending-nand-kishore-yadv
पटना 17 जुलाई, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति के सभापति एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने नीतीश सरकार पर कृषि एवं किसानों के विकास के प्रति उदासीन रुख अपनाने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि केंद्र की मंजूरी के बावजूद अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने से राज्य में छह नये कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की योजना अधर में लटक गयी है। श्री यादव ने यहां कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार में कृषि विकास को नया आयाम देने तथा किसानों को उत्पादन की नई-नई प्रौद्योगिकी से अवगत कराने के लिए छः नये कृषि विज्ञान केन्द्र खोलने की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार से भूखंड उपलब्ध कराने को भी कहा गया है। इस मुद्दे पर केन्द्र की टीम के साथ राज्य सरकार के अधिकारियों ने जमीन भी चिन्हित कर ली लेकिन अब कार्यान्वयन में अवरोध पैदा किया जा रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, मधुबनी, पश्चिमी चम्पारण, समस्तीपुर और गया में प्रस्तावित कृषि विज्ञान केन्द्रों को भागलपुर स्थित सबौर कृषि विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह तर्क पूरी तरह अव्यवहारिक है क्योंकि गया को छोड़कर शेष पांच कृषि विज्ञान केन्द्र समस्तीपुर के पूसा कृषि विश्वविद्यालय के निकट हैं, फिर भी उन्हें सबौर कृषि विष्वविद्यालय से जोड़ा जा रहा है, जो पूर्णतः अव्यवहारिक है और इससे किसानों को समुचित लाभ नहीं मिल पायेगा। श्री यादव ने कहा कि केंद्र ने इसी तरह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अन्तर्गत राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र (मुजफ्फरपुर) ने पौधा प्रसरण एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि पूर्वी चम्पारण जिले के मेहसी प्रखंड के महमदा बीज गुणन प्रक्षेत्र में भूखंड देने की मांग केन्द्र सरकार ने की है। इसके लिए एक करोड़ रुपये की राशि भी आवंटित कर दी गयी है लेकिन राज्य सरकार की ओर से जमीन उपलब्ध कराने की दिशा में कार्रवाई न के बराबर है। 

कोई टिप्पणी नहीं: