- पुलिस आयी थीं सुरक्षा में और और खुद असहाय होकर स्कूल भवन में दुबकी
शेखपुरा. शेखपुरा जिले में विख्यात है राजराजेश्वर स्कूल.इस स्कूल में दूर और पास मुहल्ले के बच्चे पढ़ने हैं. हर दिन की तरह दादा की साइकिल पर पोता बैठकर आ रहा था. दोनों सुुरक्षित आ रहे थे. सुबह करीब 7:40 बजे हादसे के शिकार हो गये.इस बीच बेकाबू ट्रैक्टर चालक ने साइकिल को पीछे से ठोक दिया. पीछे से साइकिल को ठोकने से बालक ट्रैक्टर की चपेट में आकर दम तोड़ दिया. वहीं साइकिल चालक और एक अन्य बालक धक्का खाने से घायल हो गया. मौके पर मौजूद गुस्सैल लोगों ने ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिये. ट्रैक्टर धू-धूकर जलता रहा.लोग तमाशबीन बने रहे.
मौत से उत्पन्न तनाव
इस मौत ने बालक के परिवार में 15 जुलाई 2017 को काला शनिवार घोषित कर दी है. इसे ओर कलंकित करने का प्रयास करने लगे.नाराज भीड़ से ट्रैक्टर जलाया गया था और तनाव फैलना शुरू हो गया.दूरदर्शी फादर प्रदीप ने मौका ताड़ा और तुरंत डीएम और एसपी को खबर कर दी.
जब असंगठित धावा बोला
एकएक कर भीड़ संगठित बनती चली गई। राजराजेश्वर स्कूल है मिशन चौक पर , चौक रहने के कारण हमेशा भीड़ लगी रहती है.वििभन्न जगहों के और आसपास के लोग जमने लगे. हां,मृतक बालक के गांव के कुछ लोग भी इकट्ठे हुए. सुबह लगभग 9.30 के बाद भीड़ उग्र रूप धारण कर ली. उग्र भीड़ चर्च परिसर में हेल गये. बेलगाम हो गये. जो सामने वस्तु सामने दिखा तोड़फोड़ करने लगे.
जब स्कूल भवन में दुबक गयी पुलिस
उग्र भीड़ को देख पुलिस डर गयी.डकपोक पुलिस स्कूल भवन में जाकर दुबक गयी.चर्च के समक्ष 'येसु मसीह और माता मरियम' की प्रतिमा को तोड़ दी, कांच पर पत्थर फेंक दिया और कांच की खिड़कियों को तोड़ दिया। वे पत्थर पेलिंग में लिप्त थे। यह सब पुलिस की उपस्थिति हुई. मसलन पुलिस स्कूल भवन में भीड़ के डर से दुबक जाने से हो गयी. ऐसे पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर दण्डित करें.
और फादर प्रदीप ने डीएम और एसपी से कहा
स्कूली बच्चे,धर्म समाज की बहनों और येसु समाज के फादर सुरक्षित हैं.वे खुद को अंदर से बंद कर दिये हैं.हां,कोई भी घायल नहीं हुए.मजे की बात है कि डरपोक पुलिस को मालूम हुआ कि कोई घायल नहीं और परिसर में सभी लोग सुरक्षित हैं. किसी भी क्षण मौके ए--वारदात एसपी साहब धमक रहे हैं.तो मर्दांगनि दिखाने आखिरकार स्कूल भवन से पुलिसकर्मी निकले. एसपी साहब के पहुंचने के बाद ही मौजूद पुलिस पुरुषों को बाहर करने में सफल हुई. इसके बाद भीड़ को भी परिसर से बाहर कर दिया गया। इतना करने के बाद फिर एक बार हालात सामान्य हो सकी. हालात नियंत्रण में आने के बाद बच्चों को घर भेजा गया.
फादर प्रोविंशियल ने पटना से पुरोहित भेजा
पटना में रहने वाले फादर प्रोविंशियल ने स्थिति का आकलन करने और वहां के लोगों की मदद करने के लिए फादर पीटर आरोकियसामी और फादर राजेश जैकब को बरबीघा भेजा है. फादर सुसई राज कुछ दिन पहले ही दिल्ली में अपने कार्डियोलॉजिस्ट से मिलने गये हैं.
वे दिल्ली में एक चिकित्सक से परामर्श ले रहे हैं.
मौके की तलाश में
ऐसा लगता है कि कुछ असामाजिक तत्व मौके की तलाश में बैठे रहते हैं. मौका मिलते ही गुस्से का इजहार कर देते हैं.आज का हादसा सड़क दुर्घटना है.दुख के साथ कहना है कि स्कूल के बच्चे की मौत हो गयी है. हम स्कूल और चर्च वाले मृत परिवार के साथ हैं.मौके पर उपस्थित लोगों ने ट्रैक्टर को अग्नि के हवाले कर गुस्सा उतारा. यहां तक लोगों ने प्रशासन को नाराजगी प्रर्दशित किये. आखिर स्कूल/चर्च वाली संस्था से पर गुस्सा क्यों दिखाया. यह समझ से परे की बात है. मौकापरस्त लोगों के घटियापन कृत्यों की तस्वीर प्रशासन के पास है जो मौके पर इस्तेमाल कर सके.
इसके पीछे कौन है?
फादर पीटर और फादर जैकब पहुंच गये हैं. ये लोग मौके पर आकलन करेंगे. ये लोग अनुभवी हैं. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के बाद पूर्व उपाध्यक्ष फादर पीटर हैं.अधिकारियों के पास पहुंच है. अब सर्तक रहने की जरूरत है. कुछ लोग माहौल खराब करने पर उतारू हैं. मिशन चौक पर नियमित पुलिस की व्यवस्था करने की जरूरत है जो हालात पर जल्द से जल्द काबू कर सके. पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया है. फादर प्रदीप ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस अभी भी परिसर में हैं। उन्होंने कहा हम भगवान का धन्यवाद करते हैं कि बच्चों, कर्मचारियों और हमारे लोग सुरक्षित हैं कृपया मृतक लड़के और उसके परिवार के लिए प्रार्थना करें अपनी प्रार्थनाओं में बरबीघा और हमारे लोगों को रखें।
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