दुमका : सावन की दूसरी सोमवारी को वासुकिनाथ धाम में गेरुवा वस्त्रधारियों की बनी रही सुनामी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 17 जुलाई 2017

दुमका : सावन की दूसरी सोमवारी को वासुकिनाथ धाम में गेरुवा वस्त्रधारियों की बनी रही सुनामी

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला की दूसरी सोमवारी को फौजदारी बाबा वासुकिनाथ धाम में केसरिया रंगों से लिपटे श्रद्धालुओं की सुनामी देखने को मिली। पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की चहलकदमी से आसपास का इलाका भी बाबा के दिव्यरुप से आहलादित था। रविवार की देर रात से ही क्रमबद्ध कांवरिया भाई-बहनों को बाबा पर जलार्पण के लिये उत्सुक देखा जा रहा था। शिवगंगा के किनारे श्रद्धालुगण अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। दुमका डीसी मुकेश कुमार पूरी रात मेला में विधि व्यवस्था पर अपनी पैनी नजर बनाये हुये थे। श्रावण मास की दूसरी  सोमवारी को वासुकिनाथ धाम पहुँचने वाले श्रद्धालु भक्तों के लिये सुगमता पूर्वक जलार्पण के निमित्त ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश देते हुए डीसी दुमका काफी मुस्तैद थे। पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल भी मेला में प्रतिनियुक्त पुलिस अधिकारियों के माध्यम से श्रद्धालुओं के बारे में लगातार जानकारी प्राप्त करते दिखे। दूसरी सोमवारी को वासुकिनाथ धाम में श्रद्धालुओं के सैलाब को देखते हुये जिला प्रशासन ने पूर्व में ही सारी तैयारियाँ कर ली थी। श्रद्धालुओं की सुनामी का आभाष जिला प्रशासन को हो चुका था। सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी अपने-अपने कर्तव्य स्थल पर उपस्थित दिखे। जिला प्रशासन सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा बनाये गये रौशनीयुक्त व हवादार निःशुल्क आवासन केन्द्र श्रद्धालुओं से भरा था। प्रातकाल में बाबा पर जलार्पण के बाद टेंट सिटी में विश्राम करने वाले कांवरियेां में पूरी निश्चिंता दिखलाई पड़ रही थी।  कांवरिया रुट लाइनों सहित मेला क्षेत्र श्रद्धालुओं से भरा पड़ा था। सूचना जनसम्पर्क विभाग के आवासन केन्द्रों व  शिविरों में  सूचना सहायता कर्मी दूसरी सोमवारी को भी श्रद्धालुओं की सेवा में तल्लीन थे। ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से बिछड़ो को उनके परिजनों से मिलवाने का काम किया जा रहा था। रविवार की देर रात्रि  (प्रातः 2ः 39 मिनट पर) बाबा का पट खुला। पुरोहित पूजा के उपरांत 3ः 23 मिनट पर जलार्पण प्रारंभ हुआ। सभी श्रद्धालु कतारबद्ध होकर शांतिपूर्ण ढंग से बाबा पर जलार्पण कर रहे थे। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षाकर्मी व पुलिस कप्तान मयूर पटेल को मंदिर प्रांगण में ही उपस्थित देखा गया।  डीसी दुमका, मुकेश कुमार ने प्रशासनिक भवन स्थित कंट्रोल रुम से पूरे विधि व्यवस्था का जायजा लिया। प्रतिनियुक्त सुरक्षाकर्मियों को निदेश दिया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ध्यान रखें। महिलाओं व पुरुषों की कतार में किसी प्रकार की घुसपैठ संभव न हो।  दूसरी सोमवारी को भारी भीड़ को देखते हुए डाकबम, शीघ्र दर्शनम, बोलबम के लिए अलग-अलग द्वार बनाये गये है। सभी श्रद्धालु बनाये गये तीन द्वार से ही जलार्पण के लिए जाये। पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल ने पूरे रुट लाइन का भ्रमण किया एवं श्रद्धालुओं को कतारबद्ध कराया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने सभी पुलिस पदाधिकारियों को निदेष दिया कि पूरी इमानदारी से अपनी ड्यूटी करे। किसी भी प्रकार की कोताही बरतने वाले पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई की जायेगी। वासुकिनाथ स्थित षिवगंगा में एनडीआरएफ की टीम देर रात से ही दिखाई दे रही थी। टीम पीआरडी अपने कर्तव्य पर थे। सभी स्वास्थ्य शिविरों में स्वास्थ्य कर्मी देर रात से उपस्थित थे।

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