बिहार में कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध : प्रेम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 30 जुलाई 2017

बिहार में कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध : प्रेम

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पटना 30 जुलाई, बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता जताते हुये आज कहा कि उनके विभाग की पहली प्राथमिकता प्राप्त सुझावों के अनुरूप तृतीय कृषि रोडमैप को तैयार कर अगस्त तक इसे अंतिम रूप देना है। डॉ. कुमार ने राज्य में नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में कृषि मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं राज्य में कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हूं।” उन्होंने कहा कि राज्य में प्रथम कृषि रोड मैप का कार्यान्वयन वर्ष 2008 से किया गया, जिसकी अवधि 31 मार्च 2012 को तथा द्वितीय कृषि रोड मैप का क्रियान्वयन 01 अप्रैल 2012 से किया गया, जिसकी अवधि 31 मार्च, 2017 को समाप्त हो गई। विभाग की पहली प्राथमिकता प्राप्त सुझावों के अनुरूप वर्ष 2017-22 के लिए लागू होने वाले तृतीय कृषि रोडमैप तैयार कर अगस्त तक इसे अंतिम रूप देना है।मंत्री ने बताया कि कृषि रोड मैप 2017-22 में राज्य में जैविक खेती के लिए गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों के साथ ही राष्ट्रीय एवं राजकीय मार्ग के दोनों ओर के गांवों का चयन कर जैविक कोरिडोर बनाने का निर्णय लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में प्रथम चरण में पटना से भागलपुर तक गंगा के दक्षिणी भाग में पड़ने वाले गांव तथा दनियावां से बिहारशरीफ तक के राजकीय एवं राष्ट्रीय मार्ग के किनारे बसे गांव में जैविक कोरिडोर का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है।


डॉ. कुमार ने बताया कि पटना से भागलपुर तक के गंगा के दक्षिणी किनारे पर बसे गांव में जैविक कोरिडोर का निर्माण दियारा विकास योजना से तथा दनियावां से बिहारशरीफ तक के राजकीय एवं राष्ट्रीय मार्ग के निकट पड़ने वाले गांव में परम्परागत कृषि विकास योजना से किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जैविक कोरिडोर के निर्माण के लिए पटना, नालंदा, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय तथा बेगूसराय जिलों में उपयुक्त गांवों के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इससे रसायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि बिहार की मिट्टी बहुत उपजाऊ है। यहां 46 प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत वर्ष 2017-18 में 7,26,350 मिट्टी के नमूने संग्रह करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य के विरुद्ध आज तक 1,73,334 मिट्टी के नमूने संग्रहित किये गये और इनमें से 22,067 नमूने विश्लेषित किये जा चुके हैं। डॉ. कुमार ने कहा कि वह किसानों के बीच जाकर किसान चैपाल के माध्यम से उनकी समस्याओं तथा सरकार की योजनाओं में उनके सुझाव प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र के लक्ष्य के अनुरूप राज्य के किसानों की आय को दोगुना करना, राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देना, किसानों को कृषि के नवीनतम तकनीकों पर जिलों में अवस्थित कृषि विज्ञान केन्द्र तथा आत्मा के माध्यम से लगातार प्रशिक्षण तथा कौशल विकास पर विशेष बल देना है। 

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