दाजिँलिंग/सिलीगुड़ी. 30 जुलाई, पृथक गोरखालैंड की आग में जल रहे पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग हिल्स में हिंसा की ताजा घटनाओं में पुलिसकर्मियों समेत कई गोरखा कार्यकर्ता घायल हो गये। इस बीच अलग राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा(जीजेएम) के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल के आज 47वें दिन भी मौजूदा गतिरोध के टलने अथवा हिल्स में शांति बहाली के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जयगांव में भारत-तिब्बत सीमा के समीप सुरक्षा बलों ने खुखरी(पारंपरिक हथियार) लिए गोरखा समर्थकों की रैली को रोका । इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़प रक्तिम संघर्ष में बदल गयी, जिससे कई पुलिसकर्मी और गोरखा समर्थक घायल हो गये। इससे पहले कल शनिवार को जयगांव में गोरखा समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और रबर की गोलियां चलायी तथा आंसूगैस के गोले छोड़े। दूसरी तरफ शनिवार को ही सुकना के समीप सुरक्षा बलों और गोरखालैंड समर्थकों के बीच झड़प में छह पुलिस कर्मियों सहित 30 से अधिक लोग घायल हो गये। घायलों में सिलीगुड़ी के सहायक पुलिस आयुक्त प्रणव सिकदार भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने छह गोरखा समर्थकों को सुकना से गिरफ्तार किया है। स्थानीय प्रशासन ने समूचे सुकना और सालबाड़ी इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक गोरखा समर्थकों ने भारत-नेपाल सीमा के समीप नक्सलबाड़ी में रैली निकाली और कार के टायर जलाकर तथा पेट्रोल बम फेंक कर राजमार्ग बंद कर दिया। गोरखालैंड आंदोलन समन्वय समिति(जीएमसीसी) ने अब दुआर्स और तेराई तथा नेपाल एवं भूटान के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती इलाकों तक अपने आंदोलन को विस्तार देने का निर्णय लिया है।
सोमवार, 31 जुलाई 2017
दार्जिलिंग में हिंसक घटनाएं, कई पुलिसकर्मी, गोरखा घायल
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