पटना 27 जुलाई, बिहार प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बनाने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि उनके फैसले से महागठबंधन नहीं बल्कि राज्य की जनता का विश्वास टूटा है। श्री सिंह ने यहां कहा कि महागठबंधन नहीं टूटा है बल्कि बिहार की जनता ने जो विश्वास दिया था, वह टूटा है। यह बिहार के हित में नहीं है। उन्होंने श्री कुमार का नाम लिये बगैर कहा कि देश में सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने के लिए बिहार में महागठबंधन बनाये रखने की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि सुविधावादी राजनीति हावी हो गयी। उन्होंने कहा कि हालांकि ऐसी राजनीति का भविष्य लम्बा नहीं होता है। कांग्रेस नेता ने कहा, “जिस सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ने के लिए हमने महागठबंधन बनाया था, उसके टूटने से हमारी राजनीति ख़त्म नहीं हो जाती। बिहार के गरीब, असहाय, दबे, कुचले और निरीह जनता ने जो हमपर भरोसा जताया था, उसे टूटने नहीं देंगे। राज्य में तेजी से पांव पसार रही फासीवादी और सांप्रदायिक ताकतों के विरुद्ध हम फिर से नए साथियों के साथ गोलबंद होकर संघर्ष करेंगे।” श्री सिंह ने कहा कि जो चला गया उसके बारे में कुछ सोचना और बोलना अपनी ऊर्जा को बर्बाद करना है। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बिहार की गरीब जनता की भलाई के लिए प्रदेश में नए सिरे से गठबंधन पर विचार शुरू कर देना चाहिए ताकि जनता के हक़ की लड़ाई कुंद न पड़ने पाये। उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है और समय आने पर उचित जवाब देगी। उल्लेखनीय है कि श्री तेजस्वी यादव के उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को लेकर राजद और जनता दल यूनाईटेड (जदयू) में खींचतान के बीच श्री कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के समर्थन से आज वह फिर से छठी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
शुक्रवार, 28 जुलाई 2017
महागठबंधन नहीं, बिहार की जनता का विश्वास टूटा : सदानंद
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