लखनऊ 14 जुलाई, उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिले शक्तिशाली विस्फोटक पेन्टाइरीथ्रीटाल टेट्रानाइट्रेट (पीईटीएन) की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से करायी जायेगी। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के निर्देश पर विस्फोटक मिलने की जांच एनआईए से कराने की घोषणा सदन के अन्दर की। श्री दीक्षित ने निर्देश दिया था कि मामला अत्यन्त गम्भीर है इसलिये इसकी जांच एनआईए से होनी चाहिए। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विस्फोटक मिलने को घातक आतंकवादी साजिश का हिस्सा करार देते हुए इसकी जांच एनआईए से कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि यह सुरक्षा को चुनौती है। आतंकवादी साजिश का हिस्सा है। इसलिये इसकी जांच एनआईए से होनी ही चाहिये। नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी ने भी मामले को बेहद गम्भीर बताया और जांच में हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया। श्री चौधरी का कहना था कि विपक्ष अध्यक्ष के आदेशों का पालन करेगा। विस्फोट के सम्बन्ध में जांच में पूरा सहयोग करेगा। सुरक्षा के सभी उपाय किये जाने चाहिए। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनने के बाद श्री दीक्षित ने कहा कि विस्फोटक को सदन के अन्दर लाने, रखने और साजिश आदि की जांच एनआईए से होनी ही चाहिए। उन्होंने इसे सुरक्षा में एक चुनौती मानते हुए सभी से एकजुट होकर सहयोग देने की अपील की। श्री दीक्षित ने कहा कि सदन एक परिवार की तरह है। परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, इससे निबटने में सबको सहयोग देना होगा। उन्होंने सदस्यों से सदन में मोबाइल फोन लेकर नहीं आने का आग्रह किया। विधान भवन की सुरक्षा के सम्बन्ध में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि विधायकों के साथ अब बिना पास के कोई प्रवेश नहीं कर सके।
शनिवार, 15 जुलाई 2017
सदन में मिले विस्फोटक की जांच एनआईए से, मुख्यमंत्री ने बताया आतंकी साजिश
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