राजनीतिक लाभ के लिए हो रही हैं अल्पसंख्यकों दलितों के खिलाफ घटनायें: आजाद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 20 जुलाई 2017

राजनीतिक लाभ के लिए हो रही हैं अल्पसंख्यकों दलितों के खिलाफ घटनायें: आजाद

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नयी दिल्ली 19 जुलाई, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आज आरोप लगाया कि दलितों एवं अल्पसंख्यकों के विरूद्ध आपराधिक घटनाओं को केन्द्र में सत्तारूढ दल की शह पर अंजाम दिया जा रहा है और माहौल खराब किया जा रहा है, श्री आजाद ने देश भर में अल्पसंख्यकों और दलितों की पीट पीट कर हत्या और उनपर अत्याचार की घटनाओं में कथित वृद्धि से उत्पन्न स्थिति पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा दिये गये नोटिस पर अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करते हुये कहा कि पूरे देश में इस तरह की घटनायें हो रही है चाहे वहां किसी भी दल की सरकार है। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा राज्य नहीं है जहां इस तरह की घटनायें नहीं हो रही है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ये घटनायें हो रही है और अब इनका धर्म से भी कोई लेनादेना नहीं है। कश्मीर में मुसलमानों ने ही एक मुस्लिम पुलिस अधिकारी की पीट पीट कर हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह की घटनायें होती रही है लेकिन अभी जो घटनायें हो रहीं हैं उनमें सत्तारूढ दल से जुड़े एक संगठन के सदस्य कहीं न कहीं शामिल होते हैं। इस तरह की घटनाओं के खिलाफ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा बयान दिये जाने का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि आपसी सहमति से इन घटनाओं को अंजाम दिया जाता है कि ‘हम बयान देंगें आप अपना काम करो’। यदि यह सहमति नहीं होती तो इस तरह की घटनाओं में गिरफ्तारियां होती। श्री आजाद ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से केन्द्र में सत्तारूढ दल को लाभ हो रहा है। राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। इसके जरिये वोट की राजनीति हो रही है। सरकार का काम सुरक्षा करना है लेकिन अब उसकी सहमति से ही इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हिन्दु -मुस्लिम और धर्म की लड़ाई नहीं है बल्कि यह मानवता और इंसानियत की लड़ाई बन गयी है लेकिन सत्तारूढ दल के लिये ये घटनायें वोट की राजनीति बन गयी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से पाकिस्तान या चीन का कोई लेना देना नहीं है। जब तक हमारी अंदुरूनी स्थिति अच्छी नहीं होगी तब तक हम बाहरी तत्वों से कैसे लड़ेंगें। विपक्ष के नेता ने विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुये कहा कि झारखंड इस तरह की घटनाओं का आखाड़ा बन गया है। कभी मृत गाय की चमड़ी उतारने के लिए दलितों पिटाई की जाती है तो कहीं मृत गाय को नहीं हटाने के लिए उनके साथ अत्याचार किया जा रहा है।

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