नयी दिल्ली 25 जुलाई, श्री रामनाथ कोविंद ने आज देश के राष्ट्रपति के रूप में संविधान की रक्षा की शपथ ली। देश के मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित आकर्षक समारोह में श्री कोविंद को दोपहर सवा बारह बजे पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में राज्य सभा के सभापति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मंत्री परिषद के सदस्य, विदेशी दूतावासों के प्रमुख, सांसद और शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल थे। शपथ ग्रहण के बाद नये राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गयी। इसके बाद श्री कोविंद ने संसद को सम्बोधित किया। देश के नये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विविधता को देश की सफलता का मूल मंत्र बताते हुए ऐसे समाज के निर्माण पर जोर दिया है जिसमें सभी को समान अवसर मिले। संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में देश के 14 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद श्री कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि देश की प्रगति के लिए परंपरा , प्रौद्योगिकी, प्राचीन भारत के ज्ञान और समकालीन भारत के विज्ञान को साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा ,“ देश की सफलता का मंत्र उसकी विविधता है। विविधता ही वह आधार है, जो हमें अद्वितीय बनाता है। इस देश में हमें राज्यों और क्षेत्रों, पंथों, भाषाओं, संस्कृतियों, जीवन-शैलियों जैसी कई बातों का सम्मिश्रण देखने को मिलता है। हम बहुत अलग हैं, लेकिन फिर भी एक हैं और एकजुट हैं।” इक्कसवीं सदी को भारत की सदी बताते हुए उन्होंने कहा कि देश की उपलब्धियां ही इस सदी की दिशा और स्वरूप तय करेंगी। सबको मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो आर्थिक नेतृत्व देने के साथ ही नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करे। देश के लिए ये दोनों मापदंड कभी अलग नहीं हो सकते। ये दोनों जुड़े हुए हैं और इन्हें हमेशा जुड़े ही रहना होगा।
मंगलवार, 25 जुलाई 2017
श्री रामनाथ कोविंद ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ
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