रात के अंधेरे में जीएसटी लागू कर चैम्पियन बनने की कोशिश मे मोदी सरकार: सिद्दिकी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 2 जुलाई 2017

रात के अंधेरे में जीएसटी लागू कर चैम्पियन बनने की कोशिश मे मोदी सरकार: सिद्दिकी

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पटना 01 जुलाई, बिहार में सत्तारुढ़ महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कोटे से वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए सभी दलों ने समर्थन दिया था, लेकिन इसका श्रेय लेने की होड़ में नरेन्द्र मोदी सरकार रात के अंधेरे में इसके लिए समारोह आयोजित कर चैम्पियन बनने की कोशिश की है । श्री सिद्दिकी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जीएसटी विधेयक को पारित कराने में सभी दलों ने सहयोग किया था और बिहार में भी महागठबंधन सरकार ने विधानमंडल की विशेष बैठक बुलाकर इसे पारित कराया था । उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि जीएसटी लागू होने से लोगों को फायदा होगा, लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार इसका श्रेय लेने के उद्देश्य से रात के अंधेरे में समारोह का आयोजन किया जो उचित नहीं है । वित्त मंत्री ने कहा कि आधी रात में जीएसटी को लागू करने के लिए ठीक उसी तरह समारोह का आयोजन किया गया जिस तरह देश की आजादी के समय किया गया था । उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि मोदी सरकार इसे आर्थिक आजादी के रुप में लोगों के सामने प्रचारित- प्रसारित कर रही है । 


श्री सिद्दिकी ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या देश कल रात में जीएसटी लागू होने के पूर्व तक आर्थिक गुलाम था । उन्होंने कहा कि वास्तव में देश की आर्थिक गुलामी उसी दिन शुरु हो गयी थी जब तत्कालीन केन्द्र सरकार ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की संधि पर हस्ताक्षर किया था । वित्त मंत्री ने कहा कि डब्ल्यूटीओ के संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद देश की बाजार के लिए विदेशी कंपनियों का रास्ता खुल गया है । उन्होंने कहा कि अब देशी कंपनियों के उत्पाद को विदेशी कंपनियों के उत्पाद से बाजार में टिके रहने के लिए मुकाबला करना होगा । श्री सिद्दिकी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले भी केन्द्र की तत्कालीन सरकार में रहे वित्त मंत्रियों ने जीएसटी के लिए अपनी भागीदारी निभायी थी । उन्होंने कहा कि ऐसे में इसके लागू होने के अवसर पर मोदी सरकार को श्रेय लेने का प्रयास करना उचित नहीं है । वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी की सफलता के लिए तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल , सरल प्रक्रिया, अधिकारियों का सकारात्मक रवैया और व्यापारियों की नीयत पर शक नहीं किया जाना जरुरी है । उन्होंने कहा कि इन चारों तथ्यों पर ध्यान दिये जाने से ही जीएसटी को सही रुप से लागू किया जा सकता है । 

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