मोदी का रास्ता भले टेढ़ा-मेढ़ा, लेकिन लक्ष्य अडिग : भागवत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 जुलाई 2017

मोदी का रास्ता भले टेढ़ा-मेढ़ा, लेकिन लक्ष्य अडिग : भागवत

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नयी दिल्ली 12 जुलाई, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये भारत का निर्माण 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है जिसे हासिल करने के लिये कभी कभी उन्हें ‘टेढ़े-मेढ़े रास्ते’ पर भी चलना पड़ता है। श्री भागवत ने आज यहां सुलभ इंटरनेशनल के प्रणेता डॉ. बिन्देश्वर पाठक द्वारा श्री मोदी के जीवन चरित्र पर रचित कॉफी टेबल बुक “नरेन्द्र दामोदरदास मोदी : दि मेकिंग ऑफ लीजेंड” का विमाेचन करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष डॉ. बलदेव भाई शर्मा ने की। श्री भागवत ने कहा कि श्री मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले की ‘अप्रसिद्ध यात्रा’ के कारण ही मुख्यमंत्री बनने के बाद की जीवन यात्रा को इतनी प्रसिद्धि मिली है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी प्रसिद्धि के प्रकाश में रहकर भी उसके कोई प्रभाव से दूर रह कर देश के हित में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के दो प्रकार के व्यक्तित्व होते हैं -एक दिखने वाला और एक काम करने वाला। श्री मोदी एक नये भारत के निर्माण कर देश को उससे भी बेहतर बनाने के लिये जुटे हैं, जैसा वह अब से एक हज़ार या दो हज़ार वर्ष पहले था। उन्होंने इसके लिये 2024 तक का लक्ष्य रखा है लेकिन इससे ज़्यादा वक्त लग सकता है। उन्होंने कहा कि एक बार वृंदावन के एक संत ने देश के विश्वगुरु बनने के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा था कि जब धर्मसत्ता आयेगी तभी ऐसा होगा। धर्म के चार आधार हैं -सत्य, करुणा, शुचिता और तप। श्री मोदी के चरित्र को इन गुणों की कसौटी पर देखा जाना चाहिये। उनके कर्मों को भी इसी दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिये। उन्होंने नेतृत्व के छह गुणों का उल्लेख किया अौर कहा कि तौर तरीके, क्षमता एवं कौशल तो सीखने से आ जाते हैं लेकिन असली चमक अंदर के गुणों से आती है। सरसंघचालक ने कहा कि ये नेतृत्व के पीछे के नेतृत्व वाले गुण हैं, जिनकी वजह से वह देश की आशा की किरण बने। वह स्वार्थ, भय या मजबूरी में नहीं बल्कि देशभक्ति की भावना से काम कर रहे हैं। उनके मन में देश के प्रति करुणा एवं आत्मीयता है लेकिन मोह नहीं है। वह प्रकृति एवं स्वभाव से ऊपर उठकर काम करने का प्रयास कर रहे हैं और उन्हें अपने लक्ष्य एवं कार्यकर्ताओं पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि उनका रास्ता टेढ़ा-मेढ़ा हो सकता है लेकिन लक्ष्य अडिग है। उन्हें नित्य एवं अनित्य का पूरा विवेक है। इसके लिये वह भक्ति भाव से कर्म कर रहे हैं। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, अर्जुन राम मेघवाल, विजय सांपला, पुड्डुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी, सांसद सत्यनारायण जटिया, लक्ष्मीकांत यादव, प्रह्लाद पटेल आदि मौजूद थे।

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