नयी दिल्ली 01 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “बही पर सही” करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंटों से क्लाइंटों की बजाय देश हित में काम करने और देश के विकास में योगदान देने की अपील करते हुये आज कहा कि यदि वे ठान लें तो कोई कर चोरी की हिम्मत नहीं करेगा, श्री मोदी ने यहाँ इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की 68वीं वर्षगाँठ को संबोधित करते हुये कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) पर समाज के आर्थिक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है। काले धन और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सीए समुदाय को अपने क्लाइंटों को प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा “कोई भी क्लाइंट तभी कर देता है जब उसे ऐसा करने के लिए प्रेरित किया जाये। यदि सलाह देने वाला गलत करने के लिए प्रेरित करेगा तो क्लाइंट कभी कर चोरी करने से डरेगा नहीं। यदि आप ठान लेंगे तो कोई कर चोरी की हिम्मत नहीं करेगा।” वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आज से ही लागू होने को सुखद संयोग बताते हुये उन्होंने कहा कि देश आज आर्थिक एकीकरण की यात्रा आरंभ कर रहा है जिसका नेतृत्व सीए की फौज को करनी होगी। एक सीए के हस्ताक्षर की ताकत प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर से ज्यादा होने की बात कहते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि कोई सीए गलत को सही दिखाता है तो उसका प्रभाव सिर्फ कंपनी पर या कर जमा कराने तक सीमित नहीं रहता। उसके हस्ताक्षर पर विश्वास कर कोई बुजुर्ग म्युचुअल फंड में पेंशन का पैसा लगाता है, कोई विधवा अपनी जमा पूँजी किसी कंपनी के शेयर में लगाती है। और जब कंपनी डूबती है तो उस बुजुर्ग की, उस विधवा की जिंदगी तबाह हो जाती है। उन्होंने कहा “आप पर सवा सौ करोड़ देशवासियों का भरोसा है। उसे टूटने मत दीजिये। यदि कहीं आपको लगाता है कि यह टूटा है तो आज नया अवसर है। ईमानदारी के पर्व में आपको निमंत्रण देने आया हूँ।”
रविवार, 2 जुलाई 2017
मोदी ने चार्टर्ड अकाउंटेंटों को पढ़ाया ईमानदारी का पाठ
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