नायडू ने बेटा-बेटी को पहुंचाया करोडों का फायदा : कांग्रेस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 25 जुलाई 2017

नायडू ने बेटा-बेटी को पहुंचाया करोडों का फायदा : कांग्रेस

naidu-gives-benefits-of-crores-to-his-son-and-daughter-congress
नयी दिल्ली, 24 जुलाई, कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू पर अपनी बेटी और बेटे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही की वकालत करने वाले श्री नायडू को देश को इन आरोपों का जवाब देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता जयराम रमेश ने यहां संसद भवन परिसर में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि हमेशा जवाबदेही और पारदर्शिता की बात करने वाले श्री नायडू ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सरकार को चूना लगाया और बेटी तथा बेटे को पांच सौ करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया। ईमानदारी, पारदर्शिता तथा जवाबदेही को लेकर उन्हें इन सवालों पर देश की जनता को जवाब देना चाहिए। श्री रमेश ने आरोप लगाया कि श्री नायडू के प्रभाव में तेलंगाना सरकार ने गत 20 जून को एक विशेष आदेश जारी किया और स्वर्णभारत ट्रस्ट को सरकार को दो करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास शुल्क का भुगतान करने से छूट दे दी। इस ट्रस्ट में श्री नायडू की बेटी प्रबंधन ट्रस्टी हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह से श्री नायडू के बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए तेलंगाना सरकार ने बिना निवदा निकाले दो कंपनियों को 270 करोड़ रुपए का आर्डर दिया। इन कंपनियों में एक के मालिक श्री नायडू के बेटे हैं और दूसरी कंपनी के मालिक राज्य के मुख्यमंत्री के बेटे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भोपाल में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर छह अप्रैल 2011 को कुशाभाऊ ठाकरे स्मारक ट्रस्ट को दी गयी 20 एकड़ जमीन का आवंटन रद्द किया गया था। यह जमीन भोपाल के अहम इलाके में थी और इसकी कीमत करीब छह सौ करोड़ रुपए थी। श्री नायडू इस ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 1978 में श्री नायडू जब अांध्र प्रदेश विधानसभा में विधायक थे तो उन्होंने नल्लोर में भूमिहीनों की करीब पांच एकड़ जमीन अपने नाम करा ली थी लेकिन अगस्त 2002 में उन्हें यह जमीन प्रशासन को लौटाने के लिए बाध्य होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि श्री नायडू को इन सभी सवालों का जवाब देना चाहिए और देश की जनता को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं: