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शुक्रवार, 28 जुलाई 2017

16 घंटे में सहयोगी बदल नीतीश फिर बने मुख्यमंत्री, चार साल बाद भाजपा की वापसी

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पटना 27 जुलाई, बिहार में श्री नीतीश कुमार ने महज 16 घंटे के अंदर सहयोगी बदलकर एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली और इसी के साथ चार साल 40 दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भी सरकार में वापसी हो गई। राजभवन के राजेन्द्र मंडपम में आयोजित समारोह में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने श्री कुमार को मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। इसके बाद मंत्री के रूप में एक मात्र श्री मोदी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री जे.पी.नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन के अलावा प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के अलावा राजग के कई सांसद, विधायक समेत वरिष्ठ नेता मौजूद थे। श्री कुमार ने 16 जून 2013 को श्री लालकृष्ण आडवाणी की जगह श्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने से नाराज होकर भाजपा से करीब 16 वर्ष पुराना नाता तोड़ लिया था। लेकिन, चार साल 40 दिन भाजपा से अलग रहने के बाद वह फिर से उसके साथ हो गये हैं। 


राजग से बाहर आने के बाद श्री कुमार की पार्टी जदयू ने वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के साथ मिलकर लड़ा लेकिन उसे मात्र दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा। लोकसभा चुनाव में करारी हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए श्री कुमार ने 20 मई 2014 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर श्री जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया था। बाद में वह श्री मांझी को हटाकर राजद और कांग्रेस के समर्थन से फिर से मुख्यमंत्री बन गये। इसके बाद राजद, जदयू और कांग्रेस ने महागठबंधन बनाकर वर्ष 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें दो तिहाई से भी अधिक बहुमत मिला। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) की प्राथमिकी के बाद से ही उनपर उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए जदयू की ओर से दबाव बनाया जा रहा था। इसी को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन के दो बड़े घटक राजद और जदयू के बीच कई दिनों तक हुई खींचतान के बाद कल शाम श्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सम्भवत: ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने इस्तीफा देने के महज 16 घंटे के अंदर ही फिर से सरकार बना ली हो। इस्तीफे के तीन घंटे के अंदर ही भाजपा ने श्री कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करते हुए उन्हें सरकार बनाने के लिए बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास में राजग विधायक दल की बैठक हुई जिसमें श्री कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। इसके बाद रात्रि 12 बजे श्री कुमार ने श्री मोदी और समर्थक विधायकों के साथ राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। राज्यपाल ने श्री कुमार के दावे को स्वीकार करते हुए उन्हें सरकार बनाने का न्यौता भी दे दिया। 

शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने बिहार के हित में फैसला लिया। उनकी जवाबदेही बिहार के लोगों और राज्य के विकास के प्रति है। बिहार के विकास के लिए वह काम करते रहेंगे। उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि वक्त आने पर वह सबको जवाब देंगे। उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने जा रहे श्री मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके संबंध कभी खराब नहीं थे। इसलिए सरकार चलाने में न पहले कभी दिक्कत हुई थी और न आगे कोई दिक्कत आयेगी। उन्होंने कहा कि अब केन्द्र और बिहार में एक ही गठबंधन की सरकार है जिसका लाभ राज्य को मिलेगा और बिहार तेजी से विकास करेगा। शपथ ग्रहण के बाद नीतीश मंत्रिमंडल की आज मुख्यमंत्री आवास में बैठक हुई जिसमें 28 जुलाई को विधानमंडल का सत्र आहूत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसी दिन नीतीश सरकार विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत का प्रस्ताव रखेगी। 

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